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कैबिनेट से मिली मंजूरीः ओडीओपी को बढ़ावा देने को अनुदान देगी सरकार

जिलों को अपने उत्पाद की पहचान बनाने में सुविधा मिलेगी। योजना के तहत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 07:18 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 07:54 AM (IST)
कैबिनेट से मिली मंजूरीः ओडीओपी को बढ़ावा देने को अनुदान देगी सरकार
कैबिनेट से मिली मंजूरीः ओडीओपी को बढ़ावा देने को अनुदान देगी सरकार

लखनऊ (जेएनएन)। एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को ऋण देने की योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इससे रोजगार को बढ़ावा मिलने के साथ ही जिलों को अपने उत्पाद की पहचान बनाने में सुविधा मिलेगी। योजना के तहत मार्जिन मनी की धनराशि अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी।

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मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में ओडीओपी समेत कुल 14 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि ओडीओपी योजना में राष्ट्रीयकृत बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा वित्त पोषण किया जाएगा। लाभार्थियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा मार्जिन मनी की धनराशि दी जाएगी।

इसमें 25 लाख तक की परियोजना पर कुल लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 6.25 लाख, जो भी कम हो, मार्जिन मनी के रूप में देय होगी। 50 लाख से अधिक और डेढ़ करोड़ से कम की परियोजना इकाइयों पर दस लाख रुपये या कुल लागत का 15 प्रतिशत जो भी अधिक हो, मार्जिन मनी के रूप में दिया जाएगा। डेढ़ करोड़ से अधिक की कुल परियोजना लागत की इकाइयों मेें परियोजना लागत का दस प्रतिशत, अधिकतम 20 लाख, जो भी कम हो, दिया जाएगा।

परियोजना के दो वर्ष तक सफल संचालन के बाद मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में समायोजित की जाएगी। सामान्य श्रेणी के लाभार्थियों द्वारा परियोजना लागत का दस प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा। विशेष श्रेणी मसलन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, महिला एवं दिव्यांगजन के लाभार्थियों को कुल परियोजना लागत का पांच प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।

तय हुई पात्रता की शर्तें

ओडीओपी योजना के लाभार्थियों के लिए पात्रता की शर्तें तय की गई हैं। इसके लिए आवेदक की कम से कम 18 वर्ष की आयु होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं है। योजना के तहत उद्योग, सेवा एवं व्यवसाय क्षेत्र में वित्त पोषण में सहायता की सुविधा संबंधित जिले हेतु चिह्नित ओडीओपी उत्पाद इकाइयों को ही प्राप्त होगी। आवेदक या इकाई किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक, वित्तीय संस्था या सरकारी संस्था का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए। आवेदक को प्रदेश या केंद्र सरकार द्वारा संचालित किसी अन्य स्वरोजगार योजना का पूर्व में लाभ न लिया गया हो। आवेदक को या उसके परिवार के किसी सदस्य को केवल एक बार ही लाभ मिलेगा। विशेष श्रेणी के लाभार्थियों को सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र की प्रमाणित प्रति लगानी होगी।

जिला स्तरीय टास्क फोर्स करेगी लाभार्थियों का चयन

ओडीओपी योजना के लाभार्थियों का चयन जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति (डीएलटीएफसी) के जरिये किया जाएगा। डीएलटीएफसी जिलाधिकारी या उनके द्वारा नामित मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में गठित होगी। इसमें उपायुक्त उद्योग सदस्य सचिव और संयोजक होंगे जबकि अग्रणी बैंक के जिला प्रबंधक, वित्त पोषण करने वाले बैंकों के जिला समन्वयक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि, जिले के चयनित उत्पाद से संबंधित वभिागीय अधिकारी सदस्य होंगे।

उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र द्वारा समस्त आवेदन पत्रों को परीक्षण के बाद टास्क फोर्स समिति को सौंपा जाएगा। यह समिति अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के माध्यम से चयन की प्रक्रिया शुरू करेगी। समिति द्वारा योजना की उपयोगिता समेत सभी बिंदुओं के सम्यक परीक्षण के बाद लाभार्थी का चयन होगा।

साक्षात्कार के लिए माह में एक बार होगी समिति की बैठक

लाभार्थियों के साक्षात्कार के लिए जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी द्वारा माह में एक बार बैठक की जाएगी। लाभार्थी के चयन के बाद सात दिन के अंदर लाभार्थी का आवेदन पत्र संबंधित बैंक को भेज दिया जाएगा। शाखा में जाने के एक माह के भीतर ऋण स्वीकृति या अस्वीकृति के बारे में फैसला किया जाएगा।

ऋण स्वीकृत होने के बाद होगा प्रशिक्षण

बैंक से ऋण स्वीकृत होने के बाद लाभार्थियों को कम से कम एक सप्ताह का प्रशिक्षण अनिवार्य होगा। यह प्रशिक्षण राजकीय पालिटेक्निक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, उद्यमिता विकास संस्थान के माध्यम से कराया जाएगा। पहले से प्रशिक्षित अभ्यर्थी इससे मुक्त होंगे। प्रशिक्षण के एक माह भीतर संबंधित बैंक द्वारा ऋण की पहली किश्त लाभार्थी को वितरित कर दी जाएगी।


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