गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए यूपी सरकार मुफ्त देगी ग्राम सभा की जमीन, 12 जिलों से गुजरेगी 594 किमी लंबी परियोजना
Ganga Expressway यूपी की योगी सरकार ने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए ग्राम सभा की जमीनों का पुनर्ग्रहण निश्शुल्क करने का फैसला किया है। राजस्व विभाग की ओर से इस बारे में संबंधित 12 जिलों के मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी कर दिया गया है।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए ग्राम सभा की जमीनों का पुनर्ग्रहण निश्शुल्क करने का फैसला किया है। राजस्व विभाग की ओर से इस बारे में संबंधित 12 जिलों के मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी कर दिया गया है। एक्सप्रेस-वे के अलाइनमेंट में मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज जिले शामिल हैं।
राजस्व विभाग की ओर से तीन जून, 2016 को जारी किए गए शासनादेश में ग्राम पंचायतों व स्थानीय प्राधिकरणों के प्रबंधन में निहित भूमियों के पुनर्ग्रहण के बारे में निर्देश जारी किए गए थे। इसमें कहा गया था कि राज्य सरकार के सेवारत विभागों को भूमि निशुल्क दी जाएगी।
राज्य सरकार के वाणिज्यिक विभागों, केंद्र सरकार के विभागों और निजी संस्थाओं को भूमि शहरी क्षेत्र में सर्किल रेट के दो गुना और ग्रामीण क्षेत्र में चार गुना की दर से दी जाएगी। बाद में चार सितंबर 2018 को जारी शासनादेश में यह व्यवस्था की गई थी कि अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्राधिकरणों के लिए पुनर्ग्रहीत की जाने वाली भूमि के लिए पुनर्ग्रहण का मूल्य सर्किल रेट के बराबर होगा।
अब शासन ने निर्देश दिया है कि प्रदेश के जिन 12 जिलों से गंगा एक्सप्रेस-वे गुजरेगा, उनमें परियोजना के लिए जमीनों का पुनर्ग्रहण निश्शुल्क किया जाएगा। छह लेन चौड़े गंगा एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 594 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली और प्रतापगढ़ होता हुआ प्रयागराज में समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए जमीन का अधिग्रहण अगस्त-सितंबर तक पूरा कर इसका निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया है कि देश के सबसे लंबे एक्सप्रेस वे गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण के लिए 60 फीसद भूमि अधिग्रहण हो गया है। बता दें कि योगी सरकार का बेहद महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट गंगा एक्सप्रेस-वे का काम शुरू हो गया है। मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाला गंगा एक्सप्रेस प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा और इसकी कुल अनुमानित लागत 36 हजार 410 करोड़ रुपये है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम जनवरी में शुरू हो गया था जो अभी भी चल रहा है।
बता दें कि गंगा एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से शुरू होकर प्रयागराज में एनएच-19 के बाईपास पर सोरांव तक जाएगा। इसकी कुल अनुमानित लंबाई 594 किलोमीटर होगी। शुरू में यह छह पलेन का होगा जिसका आठ लाने तक विस्तार किया जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की अनुमानित लागत 9500 करोड़ रुपये है। इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होने पर दिल्ली से प्रयागराज तक सड़क यात्रा जाएगा छह घंटे में पूरी हो सकेगी। अभी इसमें 11 से 12 घंटे लगते हैं।