लखनऊ में एपल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या के मामले में दो सिपाही बर्खास्त
लखनऊ में सहकर्मी को घर छोडऩे जा रहे एपल आइ फोन के मैनेजर विवेक तिवारी को दो पुलिसकर्मियों ने गोली मार दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर सख्त देखने के बाद शासन हरकत में आ गया।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में चंद घंटों में हिला देने वाली घटना में पुलिसकर्मियों का घिनौना रूप सामने आया है। लखनऊ में कल देर रात अपनी सहकर्मी को उसके घर छोडऩे जा रहे एप्पल आइ फोन के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी को दो पुलिसकर्मियों ने गोली मार दी थी।
इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तेवर सख्त देखने के बाद शासन हरकत में आ गया। विवेक तिवारी को दौड़ाकर कार में गोली मारने वाले सिपाही प्रशांत चौधरी तथा संदीप को बर्खास्त कर दिया गया है। एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि दोनों पर गंभीर आरोप लगा है। चेकिंग के दौरान किसी पर गोली चलाना एक जघन्य अपराध है।
लखनऊ में कल देर रात चेकिंग के नाम पर उगाही करने में माहिर माने जाने वाले उत्तर प्रदेश पुलिस के दो सिपाहियों ने एपल आइ फोन के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गाड़ी को भी रोकने का प्रयास किया। वह फोन लॉन्च के बाद अपनी सहकर्मी को उसके घर छोडऩे जा रहे थे। विवेक तिवारी के साथ सिपाही प्रशांत चौधरी तथा संदीप ने अभद्रता की।
इसका उन्होंने विरोध किया तो अपनी सरकारी पिस्टल से फायर कर दिया। गोली लगने से विवेक की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गोली लगने के कारण अत्यधिक रक्तस्राव को मौत का कारण बताया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि विवेक सिर में गोली मिली है।
डीजीपी ने विवेक तिवारी हत्याकांड में आईजी लखनऊ रेंज सुजीत पांडेय की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की है। एसपी क्राइम लखनऊ और एसपी देहात को भी शामिल किया। गोरखपुर में इस प्रकरण की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री के तेवर बेहद सख्त हो गए। उन्होंने तत्काल ही इस मामले में सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके बाद शासन ने तत्काल ही दोनों सिपाहियों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया।
लखनऊ के एसएसपी ने भी इस प्रकरण में एसआइटी जांच शुरू करा दी है। अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था आनंद कुमार ने बताया कि अब तक पुलिस की तहकीकात में जो सामने आया है। उसमें दोनों सिपाहियों की गलती पायी गई है। अगर विवेक गाड़ी नहीं रोक रहा था तो सिपाहियों को टायर में गोली चलानी चाहिये थी सिर पर गोली नहीं मारनी चाहिए थी।