यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने असदुद्दीन ओवैसी से पूछा- मतांतरण के खिलाफ कानून बनने से क्यों नाराज
यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि ओवैसी और उनके जैसे सांप्रदायिकता व तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों की हालत यूपी में खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली है। योगी सरकार जबसे मतांतरण के खिलाफ कानून लाई है ओवैसी और इनके चेलों की दाल गलती नजर नहीं आ रही।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कैबिनेट मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने एआइएमआइएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी से पूछा है कि मतांतरण के खिलाफ कानून लाने, माफिया और गुंडों के खिलाफ कार्रवाई करने और कानून का राज स्थापित करने के लिए वह आखिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नाराज क्यों हैं? ओवैसी के उस बयान को भी हास्यास्पद करार दिया है, जिसमें उन्होंने योगी आदित्यनाथ को दोबारा यूपी का सीएम न बनने देने का दंभ भरा है।
यूपी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने एक बयान में कहा है कि ओवैसी और उनके जैसे सांप्रदायिकता व तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों की हालत यूपी में 'खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे' वाली है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार जबसे मतांतरण के खिलाफ कानून लाई है, ओवैसी और इनके चेलों की दाल गलती नजर नहीं आ रही। चार साल में 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और तुष्टीकरण किसी का नहीं' के मंत्र को फलीभूत किया है। ओवैसी या समाज में विभेद की राजनीति करने वाले अन्य राजनीतिज्ञ कोई भी चाल चलें, यूपी में उनकी सियासी दाल नहीं गलने वाली।
गौरतलब हो कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी व अन्य कुछ छोटे दलों के साथ यूपी में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे एआइएमआइएम प्रमुख ने कहा था कि इंशाअल्लाह, 2022 में योगी आदित्यनाथ को यूपी का मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे। उनके इस बयान को योगी सरकार के प्रवक्ता ने आड़े हाथों लिया।
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल की उपलब्धियों से ओवैसी जैसे लोगों की राजनीतिक छटपटाहट कोई भी आसानी से समझ सकता है। योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस नीति पूरे देश में अपनी धाक जमा चुकी है। यूपी में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। अब जिन लोगों की राजनीति का आधार ही सांप्रदायिक विभाजन, अपराधियों को प्रश्रय व भ्रष्टाचार का पोषण होगा, उन्हें तो योगी खटकेंगे ही। राज्य की जनता अपराध मुक्त, दंगा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त शासन की हिमायती है।