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प्रदेश में कॉल सेंटर की सीटें घटने से बढ़ेंगी पीड़िताओं की मुश्किलें UP News

सरकार ने कॉल सेंटर चलाने वाली कंपनी से नाता तोड़ने के साथ ही 181 महिला कॉल सेंटर को डायल 112 में समाहित करने का फैसला किया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 05:19 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jul 2020 05:33 PM (IST)
प्रदेश में कॉल सेंटर की सीटें घटने से बढ़ेंगी पीड़िताओं की मुश्किलें UP News
प्रदेश में कॉल सेंटर की सीटें घटने से बढ़ेंगी पीड़िताओं की मुश्किलें UP News

लखनऊ [शोभित श्रीवास्तव]। प्रदेश सरकार ने महिलाओं को मुसीबत से बचाने वाले 181 महिला कॉल सेंटर की सीटें 30 से घटाकर छह कर दी हैं। इससे पीड़िताओं की मुसीबतें बढ़ सकती है। उन्हें कॉल सेंटर में मदद के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।साथ ही जिलों में रेस्क्यू वैन बंद होने से भी पीड़िताओं की परेशानी बढ़ेगी।

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सरकार ने कॉल सेंटर चलाने वाली कंपनी से नाता तोड़ने के साथ ही 181 महिला कॉल सेंटर को डायल 112 में समाहित करने का फैसला किया है। रेस्क्यू वैन के बजाय डायल 112 की पीसीआर वैन ही पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए पहुंचेगी।

केंद्रीय योजना के तहत अखिलेश सरकार में शुरू किए गए 181 महिला कॉल सेंटर की उपयोगिता को देखते हुए मौजूदा सरकार ने ही उसे छह से 30 सीटर किया था। 24 सीटर कॉल सेंटर व रेस्क्यू वैन संचालन का पैसा प्रदेश सरकार के न देने पर कंपनी ने जून में कॉल सेंटर बंद कर दिया, जिससे 350 महिला काउंसलर बेरोजगार भी हो गईं हैं।

तीन वर्ष में बनी थी साख, चौथे साल धड़ाम

181 महिला हेल्पलाइन की साख तीन साल में बनी थी। मार्च 2016 से मार्च 2017 के बीच जब छह सीटर कॉल सेंटर संचालित था, तब एक साल में 13.3 लाख कॉल आई थीं। इसमें 2331 महिलाओं को रेस्क्यू किया गया। अप्रैल 2017 से मार्च 2018 के बीच जब कॉल सेंटर की क्षमता 30 हो गई, तब एक साल में 17.93 लाख कॉल आईं। इनमें से 24,402 महिलाओं को मुसीबत से बचाया गया।

इसी प्रकार अप्रैल 2018 से 2019 के बीच 21.56 लाख से अधिक कॉल आईं। इसमें 26,230 महिलाओं को रेस्क्यू किया गया। पैसा मिलना बंद होने के बाद वर्ष 2019 में अप्रैल से दिसंबर के बीच 8.15 लाख कॉल ही आईं। इसमें आठ हजार महिलाओं की मदद की गई।

समेकित रूप से चलाने का निर्णय

अपर मुख्य सचिव, महिला कल्याण राधा एस चौहान ने बताया कि सरकार ने फिलहाल छह सीटर कॉल सेंटर संचालन का निर्णय लिया है। इसे डायल-112 में समाहित कर समेकित रूप से चलाया जाएगा। सभी जिलों में अब वन स्टाप सेंटर खुले हैं।

रेस्क्यू का काम अब डायल 112 की पीसीआर वैन करेंगी। इसके बाद में पीडि़त महिला को वन स्टाप सेंटर ले जाया जाएगा। भविष्य में जरूरत पड़ी तो कॉल सेंटर की क्षमता बढ़ाई जा सकती है। 


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