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कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से सतर्क यूपी सरकार, क्वारंटीन होंगे पिछले 15 दिनों में विदेश से आने वाले

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि पिछले पंद्रह दिन में जो भी लोग विदेश से यूपी में आए हैं उनकी तलाश करें और जांच कर क्वारंटीन कराएं। यह काम हर जिले में होगा और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 09:13 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 07:43 AM (IST)
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से सतर्क यूपी सरकार, क्वारंटीन होंगे पिछले 15 दिनों में विदेश से आने वाले
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस की संक्रमण की स्थिति की समीक्षा मंगलवार को लोकभवन में की।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। विदा होते नजर आ रहे कोरोना वायरस ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। कुछ देशों में वायरस की नई स्ट्रेन मिलने से उत्तर प्रदेश सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि पिछले पंद्रह दिन में जो भी लोग विदेश से यूपी में आए हैं, उनकी तलाश करें और जांच कर क्वारंटीन कराएं। यह काम हर जिले में होगा और इसके लिए स्वास्थ्य विभाग हेल्पलाइन नंबर भी जारी करेगा।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस की संक्रमण की स्थिति की समीक्षा मंगलवार को लोकभवन में की। कोविड-19 वायरस के नए स्ट्रेन को लेकर उन्होंने खास तौर पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि विश्व में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्वरूप को देखते हुए सावधानी और सतर्कता ज्यादा बरतनी होगी। उन्होंने निर्देश दिया कि प्रत्येक जिले में स्थानीय प्रशासन विदेश से आए लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अनिवार्य रूप से कराए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्राइवेट लैब द्वारा आरटीपीसीआर की जांच के लिए किसी भी दशा में 700 रुपये प्रति जांच से अधिक फीस न ली जाए। यदि व्यक्ति का सैंपल घर से लिया जाता है तो 900 रुपये जांच शुल्क लिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को इस व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराने के लिए कहा है। योगी ने प्रदेश में कोविड-19 की 95.68 फीसद रिकवरी दर पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और बेहतर करने पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है, इसलिए इस दिशा में सभी प्रयास निरंतर जारी रखे जाएं। कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखा जाए। दवा, मेडिकल उपकरण और ऑक्सीजन के बैकअप सहित सभी व्यवस्थाएं रहें। मुख्यमंत्री ने ई-संजीवनी एप के अधिक प्रचार-प्रसार की बात भी कही, ताकि अधिक से अधिक लोग ऑनलाइन चिकित्सीय परामर्श ले सकें। बताया गया है कि प्रदेश में ई-संजीवनी एप का उपयोग करने वालों की संख्या अब तक तीन लाख से अधिक हो गई है।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव एमएसएमई एवं सूचना नवनीत सहगल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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