यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का निर्देश- अत्याधुनिक उच्च तकनीक के ही लगाए जाएं स्मार्ट मीटर
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार से अब अत्याधुनिक उच्च तकनीक वाले स्मार्ट मीटर ही लगाने को कहा है।
लखनऊ, जेएनएन। जन्माष्टमी के दिन 12 अगस्त को स्मार्ट मीटर वाले लाखों उपभोक्ताओं की बत्ती गुल होने जैसी घटनाएं भविष्य में फिर न हों, इसके लिए उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार से अब अत्याधुनिक उच्च तकनीक वाले स्मार्ट मीटर ही लगाने को कहा है। अध्यक्ष को स्वयं सुनिश्चित करना होगा कि अब ऐसी तकनीक के स्मार्ट मीटर हों, जिनसे किसी तरह की छेड़छाड़ संभव न हो। मौजूदा स्मार्ट मीटर की खामियों को दूर करने के लिए मंत्री ने एक्सपर्ट कमेटी गठित कर उनकी पुन: समीक्षा के भी निर्देश दिए हैं। इस बीच पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने विद्युत नियामक आयोग से 12 अगस्त की घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के लिए और मोहलत मांगी है। प्रबंधन का कहना है कि अभी एसटीएफ व मध्यांचल के एमडी की अध्यक्षता में गठित टीमें पूरे मामले की जांच कर रही है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने वर्तमान में लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर पर सवाल उठाते हुए उन पर प्रतिबंध लगाने संबंधी ज्ञापन सोमवार को ऊर्जा मंत्री को सौंपा। परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने मंत्री को बताया कि लगभग 1927 करोड़ रुपये की प्रोजेक्ट लागत से लगाए जाने वाले लगभग 40 लाख स्मार्ट मीटर, 2जी व 3जी जैसी पुरानी तकनीक के हैं। इसी कारण 12 अगस्त को लाखों उपभोक्ताओं की बत्ती गुल हुई। इतना ही नहीं 16 अगस्त तक हजारों स्मार्ट मीटर उपभोक्तओ की बिजली आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी थी। उन्होंने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से कहा कि आखिर 4जी या उसके समकक्ष उच्च एनबीआइओटी (नैरोबैंड इंटरनेट ऑफ थिंग्स) संचार तकनीक पर आधारित स्मार्ट मीटर क्यों नहीं लगाए जा रहे हैं?
इस पर ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने परिषद अध्यक्ष के ज्ञापन का जिक्र करते हुए पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष अरविन्द कुमार को पत्र लिखकर स्मार्ट मीटर की तकनीक पर खुद भी सवाल उठाया है। मंत्री ने कहा- यह कैसी तकनीक है कि 16 अगस्त तक स्मार्ट मीटर डिस्कनेक्ट थे और विभाग के संज्ञान में ही नहीं आया? उन्होंने कहा कि 12 अगस्त की घटना उपभोक्ता हित के दृष्टिगत बहुत बड़ी अक्षम्य घटना है। इस घटना से उपभोक्ताओं के बीच गलत संदेश गया है। भविष्य में फिर वैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए मंत्री ने कारपोरेशन के अध्यक्ष को उच्च और अत्याधुनिक तकनीक के ही मीटर लगाने के निर्देश दिए हैं।