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UP Election 2022: छठे चरण के चुनाव में भी 27 प्रतिशत दागी उम्मीदवार, एडीआर की रिपोर्ट में आकलन

UP Vidhan Sabha Election 2022 उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) विधानसभा चुनाव के छठे चरण में चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को लेकर गुरुवार को अपनी रिपोर्ट जारी करेगा। छठे चरण का मतदान तीन मार्च को होगा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 24 Feb 2022 12:33 PM (IST)Updated: Fri, 25 Feb 2022 07:07 AM (IST)
UP Election 2022: छठे चरण के चुनाव में भी 27 प्रतिशत दागी उम्मीदवार, एडीआर की रिपोर्ट में आकलन
UP Vidhan Sabha Election 2022:छठे चरण का मतदान तीन मार्च को होगा।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में दागी उम्मीदवारों की दावेदारी छठे चरण में भी बरकरार है। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने आपराधिक छवि के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। करोड़पति प्रत्याशियों की भी कमी नहीं है। छठे चरण में 57 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे 27 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं, जिनके सर्वाधिक 40 प्रत्याशी सपा के हैं। 23 प्रतिशत उम्मीदवार ऐसे भी हैं, जिनके विरुद्ध आइपीसी की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज हैं। पांचवें चरण में भी 27 प्रतिशत दागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच व एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के विश्लेषण में यह तथ्य सामने आये हैं। इस चरण में 65 (10 प्रतिशत) महिला उम्मीदवार भी मैदान में हैं, जो पांचवें चरण की तुलना में कम है।

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एडीआर ने छठे चरण में चुनाव लड़ने वाले 676 में से 670 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है। छह उम्मीदवारों का शपथपत्र स्पष्ट न होने के कारण, उन्हें विश्लेषण में शामिल नहीं किया गया है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच के प्रमुख संयोजक संजय सिंह ने बताया कि 670 में से 182 (27 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं, इनमें 151 (23 प्रतिशत) के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

सपा के 48 में से 40 (83 प्रतिशत), भाजपा के 52 में से 23 (44 प्रतिशत), कांग्रेस के 56 में से 22 (39 प्रतिशत), बसपा के 57 में से 22 (39 प्रतिशत) तथा आप के 51 में से सात (14 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषत किये हैं। जबकि सपा के 48 में से 29 (60 प्रतिशत), भाजपा के 52 में से 20 (39 प्रतिशत), कांग्रेस के 56 में से 20 (36प्रतिशत), बसपा के 57 में से 18 (32 प्रतिशत) व आप के 51 में से पांच (10 प्रतिशत ) प्रत्याशियों के विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। छठे चरण में संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र भी सबसे अधिक हैं। 37 यानी 65 प्रतिशत निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां तीन या उससे अधिक दागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

बसपा के सुधीर सिंह पर सर्वाधिक गंभीर मामले : चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के विरुद्ध आइपीसी की गंभीर धाराओं के तहत मुकदमों को देखें तो सबसे आगे बसपा के उम्मीदवार सुधीर सिंह हैं। गोरखपुर की सहजनवा सीट से चुनाव लड़ रहे सुधीर सिंह के विरुद्ध 27 गंभीर धाराओं में 26 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा कुशीनगर की खड्डा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी अशोक चौहान के विरुद्ध 23 गंभीर धाराओं में 19 मुकदमे तथा गोरखपुर विधानसभा क्षेत्र से आजाद समाज पार्टी के उम्मीदवार चन्द्र शेखर के विरुद्ध 22 गंभीर धाराओं में 16 मामले दर्ज हैं। आठ उम्मीदवारों के विरुद्ध महिला अपराध से जुड़े मामले दर्ज हैं, जिनमें दो प्रत्याशियों के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा है। आठ के विरुद्ध हत्या तथा 23 उम्मीदवारों के विरुद्ध हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है।

सपा के विनय शंकर सबसे अमीर प्रत्याशी : छठे चरण में 670 में से 253 (38 प्रतिशत) करोड़पति उम्मीदवार भी मैदान में हैं। इनमें समाजवादी पार्टी के 48 में से 45 (94 प्रतिशत), भाजपा के 52 में से 42 (81 प्रतिशत), बसपा के 57 में से 44 (77 प्रतिशत), कांग्रेस के 56 में से 26 (46 प्रतिशत) व आप के 51 में से 14 (28 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं। सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वालों में गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से सपा उम्मीदार विनय शंकर का नाम सबसे आगे है। उन्होंने अपनी संपत्ति 67 करोड़ रुपये बताई है। दूसरे स्थान पर अंबेडकरनगर की जलालपुर सीट से सपा प्रत्याशी राकेश पांडेय हैं, जिनकी संपत्ति 63 करोड़ रुपये है। बलिया की रसड़ा सीट बसपा उम्मीदार उमा शंकर सिंह ने अपनी संपत्ति 54 करोड़ रुपये घोषित की है। उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.10 करोड़ रुपये है। वहीं 256 उम्मीदवारों ने अपनी देनदारी भी घोषित की है।

पांचवीं से 12वीं तक पढ़े हैं 234 उम्मीदवार : छठे चरण में 234 (35 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता पांचवीं से 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है। 382 (57 प्रतिशत) प्रत्याशी स्नातक व उससे अधिक पढ़े हैं। छह उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। 44 उम्मीदवारों ने खुद को साक्षर व तीन ने असाक्षर घोषित किया है।

226 युवा प्रत्याशी : कुल उम्मीदवारों में 226 (34 प्रतिशत) प्रत्याशी युवा हैं, जिनकी आयु 25 वर्ष से 40 वर्ष के मध्य है। 346 (52 प्रतिशत) उम्मीदवारों की आयु 41 वर्ष से 60 वर्ष मध्य है। 98 उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 वर्ष से 80 वर्ष के बीच घोषित की है।


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