लखनऊ में दुस्साहसिक वारदात पर डीजीपी ने पुलिस को लगाई फटकार, कमिश्नरेट के अफसरों से मांगा जवाब
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि अपराधियों में पुलिस का भय होना चाहिए। उन्होंने लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर को विधिक कर्तव्यों के निर्वहन में शिथिलता व लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों-कर्मियों की जिम्मेदारी तय कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र में बुधवार रात गोलियों की तड़तड़ाहट ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए तो पुलिस के मुखिया का पारा हाई हो गया। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने गुरुवार सुबह लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अफसरों को तलब कर लिया और राजधानी में हो रहीं दुस्साहसिक घटनाओं को लेकर कड़ी नाराजगी जताई।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि अपराधियों में पुलिस का भय होना चाहिए। गश्त से लेकर बदमाशों की निगरानी तक में लापरवाही को लेकर अधीनस्थ अफसरों को फटकार भी लगाई। लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर को विधिक कर्तव्यों के निर्वहन में शिथिलता व लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों-कर्मियों की जिम्मेदारी तय कर उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया है।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने आजमगढ़ के पूर्व विधायक की हत्या के गवाह को गोलियों से छलनी कर मौत के घाट उतारे जाने की घटना के अलावा विभूतिखंड क्षेत्र में ही इंजीनियर की पत्नी व बेटी को बंधक बनाकर डकैती की वारदात को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। डकैती की वारदात में अब तक की गई कार्रवाई की समीक्षा की। इसके अलावा लखनऊ में बीते दिनों हुई अन्य दुस्साहसिक घटनाओं की भी समीक्षा की। पुलिस कार्रवाई पर असंतोष जताते हुए डीजीपी ने इन घटनाओं का जल्द राजफाश किए जाने का निर्देश दिया है।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि वास्तविक अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए, जिससे बदमाशों में पुलिस कार्रवाई का सीधे संदेश जाए और उनमें भय पैदा हो। डीजीपी मुख्यालय में लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों से सवाल-जवाब कर रहे डीजीपी ने बीते दिनों अपराधियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी। घटनाओं की विस्तृत समीक्षा के दौरान उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को अधीनस्थों की मानीटरिंग बढ़ाने का भी निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार, लखनऊ पुलिस कमिश्नर, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून व्यवस्था व ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर अपराध मौजूद रहे।
डीजीपी ने कहा कि लखनऊ कमिश्नरेट के थाना क्षेत्रों में लगातार पेट्रोलिंग की जाए। हूटर व सायरन का प्रयोग किया जाए। इसके अलावा अपराधियों के विरुद्ध आसूचना संकलन का स्तर भी बढ़ाया जाए। जेल से छूटे अपराधियों से लेकर क्षेत्र में सक्रिय बदमाशों पर कड़ी नजर रखी जाए और घुमंतू गिरोह के बारे में भी सूचनाएं जुटाई जाएं। डीजीपी ने कहा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।