यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर होगा और मजबूत, IIT और BHU बनेंगे 'तकनीकी गुरु'; समझिए इससे क्या है फायदा
उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर को मजबूत करने के लिए आईआईटी कानपुर और बीएचयू का सहयोग लिया जाएगा। निवेशकों की समस्याओं के समाधान और परियोजना को गति देने के लिए यूपीडा ने बैंकिंग और स्किल पार्टनरशिप की है। रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सात बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर को सशक्त बनाने का प्रयास है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर (डीआइसी) को सशक्त बनाने के लिए आइआइटी कानपुर व बीएचयू का तकनीकी सहयोग भी लिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निवेशकों की समस्याओं का एक ही प्लेटफार्म पर समाधान कराने के लिए उप्र एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी (यूपीडा) ने बैंकिंग, स्किल व नालेज पार्टनरशिप की रणनीति के साथ परियोजना को नई गति देने की तैयारी की है।
यूपीडा ने आइआइटी कानपुर व आइआइटी बीएचयू को नालेज पार्टनर नियुक्त किया है। आइआइटी कानपुर का सेंटर आफ एक्सीलेंस (सीओई) ड्रोन/यूएएस व क्लाउड सीडिंग जैसे आधुनिक क्षेत्रों में काम कर रहा है। साथ ही आइआइटी कानपुर टेक्नोपार्क संचार व अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में यूपीडा के साथ मिलकर काम कर रही है।
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए भी जरूरी
वहीं आइआइटी बीएचयू का सीओई स्मार्ट मैटेरियल्स, सेंसर्स, मेटल्स व अलाय्स, प्रिसीजन इंजीनियरिंग, सेफ्टी इंवेस्टिगेशन व स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान कर रहा है। इनके तकनीकी सहयोग से निवेशकों को आकर्षित करने के साथ ही प्रदेश को देश के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रक्षा उत्पादन का एक मजबूत व भरोसेमंद केंद्र बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है।
यूपीडा ने डीआइसी में निवेश करने वाले उद्यमियों को वित्तीय सहायता, व्यवसायिक सुझावों व सहयोग के लिए सात बैंकों के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए हैं। सभी बैंक रक्षा मैन्युफैक्चरिंग जैसे गतिशील व विशिष्ट सेक्टर में कार्यरत निवेशकों को अनुकूल ऋण व वित्तीय समाधान उपलब्ध कराएंगे।
राज्य सरकार ने डिफेंस सेक्टर के लिए स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एनएसआइसी (नेशनल स्माल इंडस्ट्रीज कारपोरेशन), एएएसएससी (एयरोस्पेस एंड एविएशन सेक्टर स्किल काउंसिल) व डीआरडीओ (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गनाइजेशन) के साथ साझेदारी भी की है। इनकी मदद से प्रशिक्षित व दक्ष मानव संसाधन की नियमित आपूर्ति होगी।

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