यूपी पुलिस के 112 मुख्यालय के छह और कर्मी कोरोना संक्रमित, दोबारा सील किए जाने की तैयारी
एडीजी 112 असीम अरुण ने बताया कि रविवार को करीब 16 कर्मचारियों के सैंपल लिए गए थे जिनकी जांच रिपोर्ट में सोमवार को तकनीकी टीम के छह और कर्मी संक्रमित पाए गए हैं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश पुलिस के 112 मुख्यालय में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। तकनीकी टीम के छह और सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अब यहां कर्मचारी दहशत में हैं। अब तक 112 मुख्यालय में तकनीकी टीम के कुल 12 सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि अभी यहां कोई पुलिसकर्मी संक्रमण की चपेट में नहीं है। इसी बीच 112 मुख्यालय को फिर सील कर सैनिटाइज कराया जा रहा है। पहले भी 112 मुख्यालय को कोरोना संक्रमण के चलते 48 घंटों के लिए बंद कर सैनिटाइज कराया गया था। सोमवार को ही 112 मुख्यालय खुला था, जिसे फिर बंद किया जा रहा है।
एडीजी 112 असीम अरुण ने बताया कि रविवार को करीब 16 कर्मचारियों के सैंपल लिए गए थे, जिनकी जांच रिपोर्ट में सोमवार को तकनीकी टीम के छह और कर्मी संक्रमित पाए गए हैं। सोमवार को भी करीब 60 कर्मचारियों के सैंपल लिए गए हैं। सोमवार को यहां कर्मचारियों को शाम चार बजे से रात नौ बजे की शिफ्ट में बुलाया गया था लेकिन, अब फिर सभी को मुख्यालय आने से मना कर दिया गया है। सोमवार को कर्मचारियों का हौसला बढ़ाने के लिए कई पोस्टर भी लगाए गए थे, लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण ने यहां तस्वीर ही बदल दी।
एडीजी 112 असीम अरुण का कहना है कि मुख्यालय में सैनिटाइजेशन व आगे की कार्रवाई के लिए सीएमओ व अन्य संबंधित अधिकारियों से लगातार वार्ता की जा रही है। मुख्यालय को फिर सील कर दिया गया है। मुख्यालय कितने दिन सील रहेगा, इसका निर्णय मंगलवार को होगा। कॉल टेकिंग की सुविधा जारी रखने के लिए 112 के प्रयागराज सेंटर के अलावा गाजियाबाद सेंटर को शुरू कर दिया गया है। लखनऊ में करीब 140 कॉल टेकर तीन शिफ्ट में अपने घरों से काम कर रही हैं। हालांकि मुख्यालय के बंद होने से कॉल रिसीव होने में अब चार से पांच मिनट तक की वेटिंग आ सकती है। वर्क फ्रॉम होम की सुविधा बढ़ाने के लिए भी शासन स्तर पर वार्ता चल रही है।
ताकि डेटा न हो चोरी : 112 मुख्यालय की जिन कॉल टेकर को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई है, उनके लैपटॉप में अतिरिक्त सुरक्षा भी बरती गई है। ताकि 112 का कोई डेटा कहीं चोरी न हो सके। एडीजी 112 के अनुसार कॉल टेकर को दिए गए लैपटॉप में कोई सॉफ्टवेयर अपलोड नहीं हो सकता। कोई पेनड्राइव अथवा अन्य कोई उपकरण काम नहीं करेगा। कॉल टेकर की सभी गतिविधियों व लॉग की भी मॉनीटरिंग की जा रही है। तीन स्तर पर सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं।