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अधूरे मेडिकल कॉलेजों पर CM योगी आदित्यनाथ ने लगाई फटकार, अक्टूबर तक दिया समय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताते हुए बस्ती अयोध्या शाहजहांपुर फीरोजाबाद और बहराइच के इन मेडिकल कॉलेजों का काम अक्टूबर तक हर हाल में पूरा करने को कहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 05 Aug 2019 08:31 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 12:12 AM (IST)
अधूरे मेडिकल कॉलेजों पर CM योगी आदित्यनाथ ने लगाई फटकार, अक्टूबर तक दिया समय
अधूरे मेडिकल कॉलेजों पर CM योगी आदित्यनाथ ने लगाई फटकार, अक्टूबर तक दिया समय

लखनऊ, जेएनएन। पांच जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर राजकीय मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस कक्षाओं में दाखिले हो गए। सत्र भी शुरू हो गया, लेकिन इन कॉलेजों का काम पूरा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताते हुए बस्ती, अयोध्या, शाहजहांपुर, फीरोजाबाद और बहराइच के इन मेडिकल कॉलेजों का काम अक्टूबर तक हर हाल में पूरा करने को कहा है।

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सोमवार को नए मेडिकल कॉलेजों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही वह इनमें से किसी मेडिकल कॉलेज का दौरा कर प्रगति देखेंगे। उम्मीद के मुताबिक प्रगति न मिलने पर उन्होंने कार्यदायी संस्था पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। प्रदेश में केंद्र सरकार की मदद से 13 मेडिकल कॉलेज बनने हैं, जिसमें पहले चरण के तहत पांच और दूसरे चरण में आठ कॉलेज बनने हैैं। मुख्यमंत्री ने दूसरे चरण के तहत एटा, गाजीपुर, प्रतापगढ़, मीरजापुर, फतेहपुर, हरदोई, देवरिया व सिद्धार्थनगर में प्रस्तावित आठ स्वशासी मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में तेजी लाने, समय सारणी बनाने और इसी मुताबिक प्रतिमाह समीक्षा कर शिथिलता पाए जाने पर कार्रवाई के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेजों में पीजीआइ की तरह व्यावहारिक और टिकाऊ चिकित्सा व्यवस्था को चरणबद्ध ढंग से लागू करने के साथ एमआरआइ, सीटी स्कैन व कलर डॉप्लर सहित अन्य जांचों की सुविधा थ्री-पी मॉडल के तहत उपलब्ध कराने को कहा। ऊर्जा व लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों को उन्होंने बिजली व पहुंच मार्ग की व्यवस्था समयबद्ध ढंग से करने के निर्देश दिए। साथ ही अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में लखनऊ में प्रस्तावित चिकित्सा विश्वविद्यालय के लिए अविलंब भूमि का प्रबंध करने को कहा।

उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय सहित किसी भी कार्यालय में तीन दिन से अधिक पत्रावली लंबित न रहने देने की भी हिदायत दी। मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के कामकाज की गुणवत्ता सुधारने व लाइन लॉस कम करने के निर्देश दिए, जबकि लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्थाओं को मजबूत बनाने और ई-टेंडरिंग व्यवस्था का ऑडिट कराने को कहा।

...तो न रहें फील्ड में

मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों के पेच कसते हुए कहा कि यदि आप निर्णय नहीं ले सकते हैं तो फील्ड में रहने की कोई जरूरत नहीं है। बैठकों के निर्णयों की नियमित समीक्षा करने का निर्देश अधिकारियों को देते हुए मुख्यमंत्री ने अपने कार्यालय को भी हर 15 दिन में ऐसी समीक्षा करने को कहा। कार्य में प्रगति न होने पर कार्यदायी संस्था को नोटिस भेजने और इस पर भी तेजी न आने पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने विभागों के बीच समन्वय न होने पर भी नाराजगी जताई।

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