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UP Cabinet Decision : उत्तर प्रदेश में निवेश को बनेगी नई संस्था 'इनवेस्ट यूपी', मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष

UP Cabinet Decision अब केंद्र सरकार की इनवेस्ट इंडिया की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए इनवेस्ट यूपी नाम की नई संस्था काम करेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 12:20 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 08:20 AM (IST)
UP Cabinet Decision : उत्तर प्रदेश में निवेश को बनेगी नई संस्था 'इनवेस्ट यूपी', मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष
UP Cabinet Decision : उत्तर प्रदेश में निवेश को बनेगी नई संस्था 'इनवेस्ट यूपी', मुख्यमंत्री होंगे अध्यक्ष

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत योगी सरकार ने एक और बड़ा निर्णय लिया है। अब केंद्र सरकार की इनवेस्ट इंडिया की तर्ज पर यहां निवेश के लिए इनवेस्ट यूपी नाम की नई संस्था काम करेगी। इस संस्था का गठन अभी कार्यरत उद्योग बंधु को अपग्रेड कर किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होंगे। औद्योगिक विकास मंत्री और लघु उद्योग मंत्री इसमें उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे।

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मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में औद्योगिक विकास विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत इनवेस्ट यूपी उत्तर प्रदेश निवेश प्रोत्साहन व सुविधा एजेंसी का गठन किया जा रहा है। इस नई संस्था के लिए प्रोफेशनल मैन पावर की व्यवस्था करते हुए एक सम्यक ढांचा बनाया जाएगा। इसमें गवर्निंग बोर्ड और संचालन समिति होगी। कार्यकारी स्तर पर निर्देश देने, अन्तर्विभागीय समन्वय बनाने और अनुश्रवण के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में संचालन समिति कार्य करेगी।

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बताया कि एजेंसी के तहत जहां एक ओर निवेश मित्र, इन्सेंटिव मैनेजमेंट और अन्तर्विभागीय समन्वय के कार्य-कलाप विभिन्न विभागों के सहयोग से किए जाएंगे, वहीं निवेश प्रोत्साहन, ब्रांडिंग और पब्लिक रिलेशंस, इकोनॉमिक व मार्केट इन्टेलीजेंस एंड रिसर्च के काम निजी क्षेत्र से लिए गए औद्योगिक सेक्टर के विशेषज्ञों की टीम एक चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के नेतृत्व में करेगी।

इस संस्था का मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रदेश सरकार का ऐसा पूर्णकालिक वरिष्ठ अधिकारी होगा, जिसके अधीन चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर को कार्य करने में आवश्यक स्वायत्तता बनी रहे। साथ-साथ विभिन्न सरकारी विभागों से निवेश प्रोत्साहन के लिए आवश्यक समन्वय भी हो। इससे निवेश प्रोत्साहन के कार्यों में परिणाम आधारित जवाबदेही तय की जा सकेगी। यह भी प्रस्तावित है कि लखनऊ के साथ-साथ प्रदेश के महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्रों व मंडलीय मुख्यालयों में भी इस संस्था के प्रतिनिधि प्राधिकरणों और मंडलायुक्तों को निवेश प्रोत्साहन तथा फैसिलिटेशन के क्षेत्र में प्रोफेशनल सहायता देंगे।


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