बजट सत्र 26 जनवरी के बाद, मंडियों में ई-ऑक्शन व्यवस्था
किसान अब मंडियों में कृषि उत्पाद ऑनलाइन नीलामी के जरिए भी बेच सकेंगे। कैबिनेट ने मंडी समितियों में ई-ऑक्शन व्यवस्था लागू करने के लिए उप्र कृषि उत्पादन मंडी नियमावली-1965 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सुलतानपुर मंडी में यह योजना पहले लागू करने के बाद अन्य स्थानों
लखनऊ। इस वर्ष शीतकालीन सत्र न बुलाने का फैसला कर चुकी प्रदेश सरकार ने 26 जनवरी के बाद बजट सत्र बुलाने का निर्णय किया है। इसके अलावा कैबिनेट बैठक में अन्य कई निर्णय किए गए। किसान अब मंडियों में कृषि उत्पाद ऑनलाइन नीलामी के जरिए भी बेच सकेंगे।
मंडियों में ई-ऑक्शन व्यवस्था लागू
कैबिनेट ने मंडी समितियों में ई-ऑक्शन व्यवस्था लागू करने के लिए उप्र कृषि उत्पादन मंडी नियमावली-1965 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सुलतानपुर मंडी में यह योजना पहले लागू करने के बाद अन्य स्थानों पर शुरू होगी। ई-ऑक्शन व्यवस्था लागू किए जाने के लिए कृषि उत्पादन मंडी नियमावली -1965 के नियम-2 केखंड (19) के खंड (20) एवं नियम-76 'क' जोडऩे के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है। मंडी समितियों में ई-व्यापार, एकल लाइसेंस (यूनीफाइड लाइसेंस) लागू करने केविधेयक के प्रारूप को मंजूर मंत्रिपरिषद ने जुर्माने की व्यवस्था की। मंडी समितियों में ई-व्यापार व्यवस्था लागू करने तथा धारा 37 में जुर्माने की धनराशि बढ़ाने के लिए 'उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादक मंडी (तृतीय संशोधन) विधेयक, 2015' प्रारूप को भी मंजूरी दे दी। उप्र एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट जूनियर इंजीनियर सेवा नियमावली-2015 को भी कैबिनेट द्वारा लागू करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।
बढ़ेंगी भरण पोषण की दरें
समेकित बाल संरक्षण योजना (आईसीपीएस) के तहत संचालित होने वाले राजकीय संस्थाओं में रहने वाले बच्चों व राजकीय संरक्षण गृहों, सुधार गृहों और महिला शरणालयों की संवासिनियों के भरण पोषण की दरों में बढ़ोत्तरी का फैसला किया गया है। इसके फलस्वरूप आईसीपीएस योजना के तहत बच्चों के भरण पोषण और दवा, तेल, साबुन के लिए निर्धारित धनराशि दो हजार को बढ़ाकर चार हजार रुपये प्रति बच्चा प्रतिमाह तथा राज्य सरकार द्वारा पूर्ण रूप से संचालित गृहों में रहने वाली महिलाओं के लिए धनराशि 1200 रुपये मासिक व 850 रुपये वार्षिक को बढ़ाकर 5500 रुपये प्रति महिला प्रतिमाह किया गया है।
मार्ग दर्शक सिद्धांत अनुमोदित
मानसिक रूप से मंद व रुग्ण निराश्रित विकलांगों के लिए आश्रय गृह व प्रशिक्षण केंद्रों के संचालन के लिए स्वैच्छिक संगठनों को अनुदान देने के संबंध में गाइड लाइंस को मंजूरी दी गई है। आश्रय गृह व प्रशिक्षण केंद्रों के लिए वित्तीय वर्ष 2015-16 में पांच करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है। मंजूर की गई गाइड लाइंस के अनुसार अनुदान दिए जाने के लिए आवश्यक पात्रता, अवस्थापना, प्रशिक्षण, अनुदान की सीमा, अनुदान वितरण की प्रक्रिया व अनुदान के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है।
लागत को मंजूरी
डा.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ के परिसर में कृत्रिम अंग और पुनर्वास केंद्र की स्थापना से संबंधित प्रायोजना के निर्माण की कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (जल निगम) द्वारा तैयार किए गए आगणन व व्यय वित्त समिति द्वार अनुमोदित लागत 5262 लाख 71 हजार रुपये तथा उसमें प्रयुक्त की जा रही उच्च विशिष्टियों (लोकनिर्माण विभाग की विशिष्टियों से उच्च) के प्रयोग को मंजूरी दी है।
आशा ज्योति केंद्रों की स्थापना
राज्य महिला सशक्तीकरण मिशन के तहत राज्य अनुश्रवण समिति के सचिवालय के भाग स्टेट रिसोर्स सेंटर फॉर वीमेन एंड चाइल्ड तथा 11 जिलों में आशा ज्योति केंद्रों की स्थापना के प्रस्ताव मंजूर किए गए। इसके तहत एसआरसीडब्ल्यूसी व आशा ज्योति केंद्र का संगठनात्मक ढांचा, एसआरसीडब्ल्यूसी तथा आशा ज्योति केंद्र की स्थापना के लिए विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं से प्राप्त बजट के अलावा राज्य सरकार से वांछित आवश्यक बजट तथा पदों को सृजित किया गया है। आशा ज्योति केंद्रों में सृजित किए जाने वाले पदों पर अर्हता प्राप्त महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी तथा इसमें एसिड अटैक पीडि़त महिला को वरीयता दी जाएगी। आशा ज्योति केंद्र को भविष्य में तहसील व ब्लाक स्तर पर भी स्थापित किया जाएगा व 181-आशा ज्योति महिला हेल्प लाइन के लिए प्रत्येक आशा ज्योति केंद्र के लिए रेस्क्यू वैन (काउंसलर्स सहित) का संचालन होगा।
पारिवारिक पेंशन भुगतान कोषागार से
राज्य सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा कंपनियों के पेंशनरों की पेंशन व पारिवारिक पेंशन का भुगतान कोषागारों से कराए जाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके लिए 29 फरवरी 2016 को कट ऑफ डेट रखा गया है। दिनांक 29 फरवरी, 2016 तक पेंशन व पारिवारिक पेंशन का भुगतान ऊर्जा कंपनियों की वर्तमान व्यवस्था के अनुसार किया जाएगा तथा इस तिथि के बाद पेंशन व पारिवारिक पेंशन का भुगतान कोषागारोंं के माध्यम से किया जाएगा। ऊर्जा कंपनियों द्वारा कार्यरत कर्मचारियों के वेतन व महंगाई भत्ते के योग के 19.08 प्रतिशत का अंशदान किया जाता रहेगा। अनंतिम पेंशन का भुगतान ऊर्जा कंपनियों द्वारा किया जाता रहेगा।
मुख्यमंत्री अधिकृत
कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण के संबंध में 19941 लाख 83 हजार रुपये में सम्मिलित 11 प्रतिशत की दर से देय कंसल्टेंसी फीस 1932 लाख एक हजार रुपये तथा कंसल्टेंसी पर 14 प्रतिशत की दर से देय सर्विस टैक्स 270 लाख 48 हजार रुपये का भुगतान मेसर्स राइट्स लिमिटेड को किए जाने व कुशीनगर हवाई अड्डे के निर्माण के संबंध में आवश्यक बिंदुओं पर तात्कालिक रूप से निर्णय करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है। इसी प्रकार कानपुर देहात की तहसील रसूलाबाद में एक नयी राजकीय हवाई पट्टी की स्थापना के लिए आगणन धनराशि 11891 लाख 65 हजार रुपये में सम्मिलित मेसर्स राइट्स लिमिटेड को 11 प्रतिशत की दर से देय कंसल्टेंसी फीस 1162 लाख 33 हजार रुपये तथा इस फीस पर 14 प्रतिशत की दर से देय सर्विस टैक्स 162 लाख 73 हजार रुपये का भुगतान मेसर्स राइट्स लिमिटेड को किए जाने तथा इस राजकीय हवाई पट्टी की स्थापना के संबंध में आवश्यक बिंदुओं पर पर भविष्य में तात्कालिक रूप से निर्णय करने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
आश्रित पुत्री की आयु सीमा बढेगी
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की मृत्यु पर पारिवारिक पेंशन के लिए आश्रित पुत्री की आयु सीमा बढ़ाए जाने का निर्णय हुआ है। इसके तहत भारत सरकार की योजना अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और उनके परिवार को दिए जाने वाले अनुदान तथा पेंशन को विनियमित करने वाली नियमावली में अब प्रावधान किया गया है-'ऐसी ज्येष्ठतम पुत्री जिसका विवाह न हुआ हो, को पारिवारिक पेंशन अनुमन्य होगी, जो उसके अविवाहित रहने तक अथवा आत्मनिर्भर होने तक मिलती रहेगी, चाहे उसकी आयु कुछ भी हो। ऐसी पुत्री की पात्रता समाप्त हो जाने पर उससे ठीक कनिष्ठ अविवाहित पुत्री पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र हो जाएगी तथा वह अविवाहित रहने तक अथवा आत्मनिर्भर होने तक पारिवारिक पेंशन प्राप्त करती रहेगी। यह संशोधन शासनादेश निर्गत किए जाने की तिथि से प्रभावी होगा।
रिटायरमेंट की उम्र बढ़ी
उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता सेनानी कल्याण संस्थान के कर्मचारियों की अधिवर्षता आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष किए जाने का निर्णय किया गया है।