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UP Budget 2022: अयोध्या, मथुरा, काशी दिखाएंगे धार्मिक-सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की झांकी, योगी सरकार के बजट में खास इंतजाम

UP Budget 2022 Highlights योगी सरकार ने धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को काफी ऊंचाई दी है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ अरबों रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। इस बजट में पर्यटन संस्कृति और धर्मार्थ कार्य विभाग की योजनाओं के लिए 155.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 09:47 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 05:08 PM (IST)
UP Budget 2022: अयोध्या, मथुरा, काशी दिखाएंगे धार्मिक-सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की झांकी, योगी सरकार के बजट में खास इंतजाम
UP Budget 2022 Highlights: पर्यटन, संस्कृति और धर्मार्थ कार्य की योजनाओं के लिए 155.50 करोड़ का बजट।

लखनऊ [जितेंद्र शर्मा]। UP Budget 2022 Highlights: अयोध्या, मथुरा और काशी...ये हैं तो पावन तीर्थ स्थल, लेकिन ये वह ऊंचे स्थल हैं जहां से भाजपा सरकार देशभर को धार्मिक-सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की झांकी दिखाकर राजनीतिक परिदृश्य पर प्रभाव छोड़ सकती है। राम मंदिर बनाने के साथ अयोध्या और काशी का चहुंमुखी विकास पहले कार्यकाल में योगी सरकार की प्राथमिकता रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट से इशारा दे दिया है कि विकास की वह धारा दूसरे कार्यकाल में और वेग से बहेगी। खास बात है कि धार्मिक स्थलों के अलावा योगी सरकार महापुरुषों को नमन के साथ लोक संस्कृति के संरक्षण की बड़ी लकीर खींचने जा रही है।

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पिछली सरकारों की तुलना में धार्मिक-सांस्कृतिक पर्यटन को योगी सरकार ने काफी ऊंचाई दी। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के साथ अरबों रुपये की परियोजनाएं चल रही हैं। श्री काशी विश्वनाथ धाम परिसर के साथ पूरी काशी का कायाकल्प चल रहा है। मां विंध्यवासिनी धाम, मथुरा-वृंदावन, चित्रकूट, नैमिषारण्य, श्रृंगवेरपुर आदि तीर्थ स्थलों पर विकास कार्य कराए गए।

विधानसभा चुनाव के दौरान जारी लोक कल्याण संकल्प पत्र में भाजपा ने अपनी प्राथिकताओं में इन धर्म नगरियों के विकास को भी रखा। 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव की दृष्टि से भी इनका महत्व है। इसे समझते हुए योगी सरकार ने पर्यटन, संस्कृति और धर्मार्थ कार्य विभाग की योजनाओं के लिए 155.50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कर दी है। इससे न सिर्फ अयोध्या और काशी धार्मिक-सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की झांकी दिखाएंगे, बल्कि लोक संस्कृति के संरक्षण के साथ क्षेत्रीय जुड़ाव का भी बड़ा दांव चलकर क्षेत्रीय दलों के सीमित प्रभाव को और बेअसर करने की तैयारी नजर आती है।

उत्तर प्रदेश विंध्य धाम तीर्थ विकास परिषद के लिए तीन करोड़ 50 लाख रुपये दिए हैं और चित्रकूट धाम तीर्थ विकास के लिए भी तीन करोड़ 50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। पांच करोड़ रुपये से गोरखपुर में इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट और पांच करोड़ से अलीगढ़ में फूड फ्राफ्ट इंस्टीट्यूट को उच्चीकृत कर स्टेट इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट बनाया जाएगा। लोक संस्कृति के संरक्षण की दिशा में भी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। लोक कल्याण संकल्प पत्र के संकल्प को पूरा करते हुए केशवदास बुंदेली अकादमी, गोस्वामी तुलसीदास अवधी अकादमी और सूरदास ब्रज भाषा अकादमी की स्थापना की घोषणा की है।

संत रविदास और कबीर से भी श्रद्धा की डोर : भाजपा इष्ट देवों के साथ ही महापुरुषों के प्रति श्रद्धा का भी माहौल लगातार मजबूत करती जा रही है। इसी प्रयास के तहत वाराणसी में संत रविदास संग्रहालय एवं सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये और संत कबीर संग्रहालय बनाने के लिए 25 करोड़ रुपये खर्च करेगी। चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि सांस्कृतिक केंद्र के लिए एक करोड़, श्रृंगवेरपुर में निषादराज गुहा सांस्कृतिक केंद्र के लिए पांच करोड़ लखनऊ में डा. भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र के लिए एक करोड़ रुपये दिए गए हैं। इन संत-महापुरुषों का बड़ा अनुयायी वर्ग उत्तर प्रदेश में है। इसके साथ ही जनजातीय संग्रहालयों के निर्माण के लिए 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। 20 करोड़ रुपये संग्रहालयों की स्थापना, निर्माण, विस्तार और उन्नयन पर खर्च किए जाएंगे।

पोर्टल से मिलेगी मंदिरों की जानकारी : भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र में वादा किया था कि आनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली बनाई जाएगी। पोर्टल के माध्यम से सभी प्रमुख मंदिरों की जानकारी श्रद्धालुओं को मिल सकेगी। इस योजनाओं को पूरा करने के लिए 50 लाख रुपये बजट में दिए गए हैं। सरकार ने दूसरा संकल्प पूरा करते हुए बुजुर्ग पुजारियों, संतों और पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए बोर्ड गठित करने के लिए एक करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।

धर्म स्थलों पर अवस्थापना सुविधाओं के लिए खोला पिटारा : वित्तीय वर्ष 2022-23 में राम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या धाम तक पहुंच मार्ग के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जबकि अयोध्या में जनसुविधाओं के विकास और पार्किंग के लिए 209.70 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वाराणसी में गंगा तट से काशी विश्वनाथ धाम तक मार्ग का विस्तारीकरण होना है, जिसके लिए 77 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसी तरह वाराणसी और अयोध्या में पर्यटन सुविधाओं के विकास और सुंदरीकरण पर 100-100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।


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