Move to Jagran APP

UP Budget 2022: एमएसएमई पर मेहरबान योगी सरकार, दो से पांच गुणा तक बढ़ाया गया कई योजनाओं का बजट

UP Budget 2022-23 Highlights यूपी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में एक जिला एक उत्पाद योजना के लिए 46.25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है जबकि पिछले वर्ष इस योजना के लिए 28.90 करोड़ रुपये रखे गए थे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 27 May 2022 09:37 PM (IST)Updated: Fri, 27 May 2022 09:37 PM (IST)
UP Budget 2022: एमएसएमई पर मेहरबान योगी सरकार, दो से पांच गुणा तक बढ़ाया गया कई योजनाओं का बजट
UP Budget 2022-23 Highlights: ओडीओपी पर इस वर्ष होगा दोगुणा खर्च, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 125 करोड़।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। UP Budget 2022-23 Highlights: उत्तर प्रदेश के उद्योग जगत की रीढ़ कहे जाने वाले सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) पर इस बार सरकार पूरी तरह मेहरबान नजर आई। छोटे उद्योगों को बढ़ावा योगी आदित्यनाथ सरकार ने पहले कार्यकाल में भी दिया, लेकिन इस बार कई योजनाओं का बजट दो से पांच गुणा तक बढ़ा दिया गया है। सरकार का प्रयास छोटे कारीगरों को कारोबारी बनाने और छोटे उद्योगों का आकार बढ़ाने का है।

loksabha election banner

वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के लिए 46.25 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जबकि पिछले वर्ष इस योजना के लिए 28.90 करोड़ रुपये रखे गए थे। विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना की सफलता को देखते हुए इसके लिए 112.50 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। पिछले वर्ष इस योजना के लिए 20.40 करोड़ रुपये दिए गए थे।

लघु उद्योग क्लस्टर विकास योजना के तहत अनुदान देने के लिए बजट को 32 करोड़ से बढ़ाकर 45.50 करोड़ रुपये किया गया है। औद्योगिक क्षेत्रों में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के लिए जागरुकता और क्षमता निर्माण कार्यक्रम पर 12 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिला उद्योग एवं उद्यम केंद्रों के आधुनिकीकरण व उच्चीकरण के मद में पांच करोड़ रुपये दिए हैं।

दो करोड़ रुपये की व्यवस्था अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों के प्रशिक्षण के लिए हैं। एमएसएमई तकनीकी उन्नयन योजना के तहत अनुदान देने के लिए 4.50 करोड़ रुपये सरकार ने आवंटित किए हैं। पिछले वर्ष इस मद में दो करोड़ रुपये ही थे।

इसी प्रकार क्लस्टर विकास योजना और पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं पर सरकार का जोर है। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। वहीं, लघु उद्योग क्लस्टर विकास येाजना के तहत अनुदान के लिए 19.50 करोड़ रुपये हैं।

उत्तर प्रदेश निर्यात आवस्थापना विकास योजना के बजट को दोगुणा कर सात करोड़ रुपये का आवंटन किया है। त्वरित निर्यात विकास प्रोत्साहन योजना के तहत अनुदान देने लिए भी बजट को भी दोगुणा किया गया है। इस मद में 25 करोड़ रुपये रखे गए हैं, जबकि औद्योगिक आस्थानों में अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण पर इस वर्ष लगभग चार गुणा अधिक खर्च करने सरकार का इरादा है। इसके लिए बजट में 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश में पारंपरिक कला को संरक्षित एवं संवर्धित करने का प्रयास है। छोटे-छोटे व्यवसाय को बड़ा उद्योग बनाने की दिशा में इस वर्ष का बजट मील का पत्थर साबित होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.