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UP Budget 2022 : योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का संकल्प

Yogi Adityanath Government Budget 2022 प्रदेश की सरकार प्रत्येक व्यक्ति को हर जगह पर बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने की दिशा में निरन्तर कार्य कर रही है। विभिन्न वायरस जनित संक्रामक रोगों पर नियंत्रण एवं उपचार की क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि रिकार्ड समय में की गई। इ

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 12:36 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 11:15 PM (IST)
UP Budget 2022 : योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का संकल्प
Yogi Adityanath Government Budget 2022: वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गुरुवार को विधानमंडल के बजट सत्र में विधान भवन में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया। योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपया का है। इस बजट में प्रदेश के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा देने का बड़ा संकल्प लिया गया है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि बजट 2022-23 में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेक्टर को लेकर विशेष प्रावधान किया गया है। जिससे की लोगों को विशेष चिकित्सा सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सके। प्रदेश की सरकार प्रत्येक व्यक्ति को हर जगह पर बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने की दिशा में निरन्तर कार्य कर रही है।

उत्तर प्रदेश में हर मर्ज का इलाज हो सके और यहां के विद्यार्थियों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए दूसरे देशों की ओर मुंह न ताकना पड़े इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। यूक्रेन में युद्ध के कारण बड़ी संख्या में छात्रों के लौटने के बाद अब तेजी से सीटें बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। 500 करोड़ रुपये खर्च कर एमबीबीएस, एमएस व एमडी आदि कोर्सेज की सीटें बढ़ाई जाएंगी।

भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में यह वादा किया था। सरकारी मेडिकल कालेजों में अभी एमबीबीएस की 3828 सीटें हैं जो आगे बढ़कर करीब आठ हजार होंगी। इसी तरह पीजी कोर्सेज की 1027 सीटें हैं और इसे भी बढ़ाया जाएगा। मेडिकल की पढ़ाई की बेहतर सुविधाओं के साथ यूपी को हर मर्ज का डाक्टर बनाने की भरपूर कोशिश की गई है। तीसरे चरण में 14 जिलों में मेडिकल कालेज खोलने के लिए 2100 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

 इन 14 मेडिकल कालेजों का निर्माण पूरा होने पर कुल 59 जिलों में मेडिकल कालेज की सुविधा हो जाएगी। बाकी 16 जिलों में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (थ्री पी) माडल पर मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं। डाक्टरों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए 25 करोड़ खर्च कर नर्सिंग कालेज खोला जाएगा।

यूपी में ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए खजाना खोल दिया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन पर 10547 करोड़ 42 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। गांव के अस्पतालों में इलाज व जांच की सुविधाएं बेहतर की जाएंगी। स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया जाएगा। गरीबों को पांच लाख रुपये तक के निश्शुल्क इलाज की सुविधा दिलाने के लिए कुल 810 करोड़ रुपये खर्च होंगे। प्रधानमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना पर 560 करोड़ और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना पर 250 करोड़ खर्च किए जाएंगे।

क्रिटिकल केयर की सुविधाएं बढ़ाने, नए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने के लिए प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना पर 620 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ऐसे राज्य कर्मचारी व पेंशनर जो असाध्य रोग से पीडि़त हैं उनके कैशलेस इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग 100 करोड़ और चिकित्सा शिक्षा विभाग पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा सुविधा देने के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च करेगी। असाध्य रोगों से पीडि़त गरीब लोगों का उपचार कराने पर 100 करोड़ खर्च किए जाएंगे।

आशा वर्कर व संगनियों का मानदेय राज्य सरकार ने 750 रुपये प्रति माह बढ़ाया गया है। अभी केंद्र सरकार दो हजार रुपये व राज्य सरकार 750 रुपये देती है। अब राज्य सरकार 1500 रुपये देगी। वहीं अन्य भत्ते इत्यादि जोड़कर यह हर महीने छह हजार रुपये तक कमा सकेंगी।

बजट में बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए भी चिंता की गई है। प्रदेश में नौ वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की उम्र की एक लाख बालिकाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए हृयूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन की दोनों खुराक देने के लिए 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय खोले जाएंगे। ताकि यूपी के लोगों को दूसरे राज्यों में इलाज कराने के लिए न जाना पड़े। पहले चरण में बजट में इसके लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं खाद्य एवं औषधि प्रयोगशालाओं की संख्या और बढ़ाई जाएगी। 50 करोड़ रुपये बजट में दिए गए हैं।

गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। इस विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए बजट में 113 करोड़ 52 लाख रुपये दिए गए हैं। वहीं लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेई चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए 100 करोड़ 45 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।

चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के बजट में इस बार 34 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2022-23 में 28364 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 21191 करोड़ रुपये था। यानी इसमें 7172 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इसका बजट 34 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है।

वहीं आयुष विभाग के बजट में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। वर्ष 2022-23 में 2469 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह बजट 1942 करोड़ था। चिकित्सा शिक्षा विभाग का बजट भी छह प्रतिशत बढ़ा है। वर्ष 2022-23 में 9710 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में किया गया है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह 9141 करोड़ रुपये था।


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