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यूपी बोर्ड हर मामले में सीबीएसई से बहुत आगे निकला

यूपी बोर्ड हर मामले में सीबीएसई से बहुत आगे निकल गया है। और तो और सफलता के प्रतिशत तक में सीबीएसई बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सका है। परीक्षार्थी, परीक्षा अवधि व रिजल्ट जारी करने में भी यूपी बोर्ड का कोई सानी नहीं है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 21 May 2016 09:28 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2016 09:36 PM (IST)
यूपी बोर्ड हर मामले में सीबीएसई से बहुत आगे निकला

लखनऊ। परीक्षा केंद्रों का निर्धारण एवं नकल आदि के बहुतेरे आरोप यदि खारिज कर दिए जाएं तो यूपी बोर्ड हर मामले में सीबीएसई से बहुत आगे निकल गया है। और तो और सफलता के प्रतिशत तक में सीबीएसई बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सका है। परीक्षार्थी, परीक्षा अवधि व रिजल्ट जारी करने में भी यूपी बोर्ड का कोई सानी नहीं है। यह जरूर है कि दोनों बोर्डों की परीक्षाओं में शिखर पर छात्राएं ही रही हैं।

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यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में 30 लाख 71 हजार 741 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था, जिसमें 29 लाख 17 हजार 268 शामिल हुए। इनमें 25 लाख 66 हजार 772 छात्र उत्तीर्ण हुए। सफलता का प्रतिशत 87.99 रहा। छात्राओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 92.48 तथा छात्रों का 84.35 रहा है। इंटर की परीक्षाएं 18 फरवरी से 21 मार्च तक चली और 11005 केंद्रों पर परीक्षा हुई। इतना ही नहीं यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटर का परीक्षा परिणाम बीते 15 मई को एक साथ घोषित कर दिया है।

वहीं, सीबीएसई के इलाहाबाद परिक्षेत्र के 729 स्कूलों में इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रतिभाग किया था। 207 स्कूलों में हुई परीक्षा में कुल 98308 परीक्षार्थी शामिल हुए। इसमें 64647 छात्र एवं 33661 छात्राएं रहीं। परीक्षाएं एक मार्च से 22 अप्रैल तक चली थी। इनमें से 73.09 फीसद छात्र एवं 83.48 फीसद छात्राएं सफल हुई हैं। साथ ही कुल सफलता प्रतिशत 76.83 ही रहा है। इतना ही नहीं सीबीएसई ने किसी तरह शनिवार को इंटर का परीक्षा परिणाम जारी किया है, लेकिन अभी तक हाईस्कूल का परिणाम जारी करने की तारीख तय नहीं हो सकी है।

नियमित पढ़ाई से मिला मुकाम

अंशुल भारद्वाज : लखनऊ

इलाहाबाद परिक्षेत्र में पहला स्थान

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की इंटरमीडिएट परीक्षा 2016 के परिणाम में इलाहाबाद परिक्षेत्र में पहला स्थान पाने वाली अंशुल भदौरिया सफलता का श्रेय नियमित पढ़ाई को देती हैं। बकौल अंशुल, कठिन परिश्रम किया जाए तो परिणाम अच्छा मिलने की उम्मीद रहती है। हालांकि इतने अच्छे अंक मिलेंगे यह सोचा नहीं था। रोज तीन से चार घंटे पढ़ाई की। मेरी सफलता के पीछे मेरे माता-पिता व गुरुजनों का योगदान है। मैं आइएएस बनना चाहती हूं। एल्डिको उद्यान दो रायबरेली रोड निवासी अंशुल के पिता एनपी सिंह इलाहाबाद बैंक में मैनेजर हैं और उनकी मां शशि गृहिणी हैं।

डाक्टर बनने का सपना

शौर्य श्रेष्ठ : लखनऊ

इलाहाबाद परिक्षेत्र में दूसरा स्थान

सीबीएसई बोर्ड के परिणाम में इलाहाबाद परिक्षेत्र में दूसरा स्थान पाने वाले शौर्य श्रेष्ठ कहते हैं कि पिता से मेहनत और अनुशासन सीख टॉप टेन में आने का लक्ष्य तय किया था। उन्हें उम्मीद से कहीं बेहतर परिणाम मिला। उनका सपना डॉक्टर बनने का है। शौर्य के बाबा विष्णु बहादुर श्रेष्ठ नेपाल के मूल निवासी थे। 1958 में वह गोरखा रेजीमेंट में भर्ती हुए। 1976 में विष्णु परिवार सहित शिलांग में आकर रहने लगे। शौर्य के पिता होम बहादुर श्रेष्ठ ने शिलांग में ही पढ़ाई की और 1989 में सेना में भर्ती हो गए। शौर्य के पिता कहते हैं कि उनका पूरा परिवार देश के प्रति समर्पित रहा है।

केवल पढ़ाई से प्यार, आईआईटी मंजिल

तरूण कुमार : कानपुर

इलाहाबाद परिक्षेत्र में दूसरा स्थान

इलाहाबाद परिक्षेत्र में दूसरा स्थान पाने वाले तरूण कुमार कहते हैं कि उन्हें केवल पढ़ाई से प्यार है। कुछ और अच्छा नहीं लगता है। पजल्स साल्व करना और प्रोग्रामिंग करना अच्छा लगता है। तरुण के मुताबिक रविवार को जेईई एडवांस की परीक्षा है। उसे कैसे उत्तीर्ण करना है, उस पर ही सारा फोकस है। उसके मुताबिक बेहतर होगा बोर्ड की जगह आईआईटी की तैयारी सोचकर पढ़ाई करें। चैन फैक्ट्री चौराहा निवासी तरुण की माता द्रौपदी गृहणी, पिता आरसी लालवानी डॉक्टर व बड़ा भाई रचित बीटेक थर्ड ईयर की पढ़ाई कर रहा है।

इंजीनियर बनने का सपना

हर्षिता : आगरा

इलाहाबाद परिक्षेत्र में तीसरा स्थान

इलाहाबाद परिक्षेत्र में तीसरा स्थान पाने वाली हर्षिता शर्मा ने बताया कि इंजीनियर बनने का सपना आसान नहीं है। यह बात उसे अच्छी तरीके से पता थी। तभी उसने टाइम टेबल बनाया और फिर पढ़ाई शुरू कर दी। हाईस्कूल में सेंट पेट्रिक्स जूनियर कॉलेज टॉप किया और फिर इंजीनियरिंग की तैयारी में जुट गई। हर दिन कितने घंटे पढऩा है, यह तय नहीं था, लेकिन जो भी पढ़ा, उसे रटने के बदले समझने का प्रयास किया। इसी का नतीजा रहा कि पहले ही प्रयास में ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेंस पास किया और जेईई एडवांस में शामिल होने का मौका मिला।


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