UP Board 10th & 12th Exam 2021: पहली बार सफलता के शिखर पर होंगे छात्र, पीछे रह जाएंगी छात्राएं; जानें- वजह...
UP Board 10th 12th Exam 2021 पहली बार सफलता के शिखर पर छात्र होंगे। वजह छात्राओं का पंजीकरण हर वर्ष छात्रों की अपेक्षा कम रहा फिर भी उनका सफलता प्रतिशत हमेशा छात्रों से बेहतर रहा है। 2021 में भी छात्राओं का पंजीकरण छात्रों से कम है।
प्रयागराज [धर्मेश अवस्थी]। UP Board 10th & 12th Exam 2021: कोरोना का संक्रमण सबको दुख के सागर में नहीं डुबो रहा, बल्कि कई को मुस्कुराने का भी मौका दे रहा है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों की प्रोन्नति को ही लीजिए। वैसे तो सभी परीक्षार्थी प्रमोट हो रहे हैं, लेकिन आपदा में बड़ा अवसर छात्रों को मिला है। पहली बार सफलता के शिखर पर छात्र होंगे। वजह, बोर्ड के 100 वर्षों में छात्राओं का पंजीकरण हर वर्ष छात्रों की अपेक्षा कम रहा, फिर भी उनका सफलता प्रतिशत हमेशा छात्रों से बेहतर रहा है। वे अपनी मेधा के दम पर कई बार छात्रों को मीलों पीछे छोड़ चुकी हैं। 2021 में भी छात्राओं का पंजीकरण छात्रों से कम है इसलिए कुल सफल होने वालों में छात्र ही आगे रहेंगे।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा परिणाम घोषित होने पर प्रदेश व जिला स्तर की टॉपर सूची में हमेशा छात्राओं का जलवा रहा है। 2020 के रिजल्ट को ही देखिए हाईस्कूल में बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 79.88 फीसद व बालिकाओं का 87.29 प्रतिशत रहा है। ऐसे ही इंटर में बालक 68.88 फीसद उत्तीर्ण हुए तो बालिकाएं 81.96 फीसद उत्तीर्ण हुईं थी। लाडले बेटे परीक्षा के मोर्चे पर बेटियों को कभी पीछे नहीं छोड़ पाए। पिछले तीस वर्ष में हाईस्कूल में तीन बार और इंटर में दस बार बेटियों का रिजल्ट 90 प्रतिशत से अधिक रहा है।
इधर के वर्षों में भले ही हाईस्कूल के परीक्षार्थी इंटर से सफलता प्रतिशत में आगे हो गए हों लेकिन, पहले इंटर का रिजल्ट प्रतिशत अधिक होता था। हर परिणाम में बालिकाओं ने ही सफलता के झंडे गाड़े हैं। हाईस्कूल वर्ष 2013 में 91.25 प्रतिशत बालिकाएं उत्तीर्ण हुईं, अगले वर्ष उनका रिजल्ट 90.86 फीसद रहा तो वर्ष 2016 में फिर परिणाम 91.11 प्रतिशत पहुंच गया। इंटर की परीक्षा में पहली बार 2004 में बेटियों का रिजल्ट 93.07 प्रतिशत रहा। यह क्रम 2007 तक जारी रहा। 2011 से 2016 तक उनका सफलता प्रतिशत 90 फीसद से अधिक रहा है।
कम रिजल्ट में भी उम्दा प्रदर्शन : यूपी बोर्ड का हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट प्रतिशत जिन वर्षों में बहुत कम होता था, तब भी बेटियों का प्रदर्शन शानदार रहा। 1992 में हाईस्कूल का रिजल्ट केवल 14.70 प्रतिशत आया, तब बालक 8.47 प्रतिशत व बालिकाएं 36.44 प्रतिशत उत्तीर्ण हुईं। 1993, 1994, 1998, 1999, 2000, 2001 से लेकर 2003 तक रिजल्ट प्रतिशत कम रहा लेकिन, बेटियों ने हार नहीं मानी। हाईस्कूल वर्ष 1999 के रिजल्ट में बेटियों व लाडलों के बीच 41.29 फीसद का फासला रहा है। बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 25.62 व बालिकाओं का 66.91 था।
ये परीक्षार्थी होंगे प्रोन्नत
हाईस्कूल
बालक की संख्या : 16,74,022
बालिकाओं की संख्या : 13,20,290
कुल संख्या : 29,94,312
इंटरमीडिएट
बालक की संख्या : 14,73,771
बालिकाओं की संख्या : 11,35,730
कुल सांख्य : 26,09501