UP Board 10th-12th Exam Results 2021: डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा बोले- छात्र-छात्राओं के हित में परीक्षाएं स्थगित, जानें प्रोन्नति की प्रक्रिया
UP Board 10th-12th Exam Results 2021 डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जैसे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2021 की कक्षा-10 में छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत किया जाएगा वैसी ही प्रक्रिया कक्षा-12 के छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत करने में प्रयुक्त होगी।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल के बाद इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को रद करने के फैसले को उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने छात्र-छात्राओ के हित में बताया है। डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार ने छात्र-छात्राओ के हित मे फैसला लिया है और भविष्य में भी उनके लिए बेहतर करने का हमारा प्रयास जारी है।
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि जैसे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की 2021 की कक्षा-10 में छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत किया जाएगा, वैसी ही प्रक्रिया कक्षा-12 के छात्र-छात्राओं को प्रोन्नत करने में प्रयुक्त होगी। हमारी सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय से हाई स्कूल के 29.94 लाख तथा इंटरमीडिएट के 26.10 लाख परीक्षार्थी लाभान्वित होंगे।
कैसे उत्तीर्ण होंगे, छात्र-छात्राएं
प्रदेश के माध्यमिक तथा उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि इंटर की निरस्त परीक्षा के परीक्षाफलों को परीक्षार्थियों के कक्षा-10 की बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांकों एवं उनके कक्षा-11 के वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों के औसत के आधार पर तैयार कराया जायेगा। यदि कक्षा-11 के वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांक उपलब्ध नहीं होंगे तब उस स्थिति में कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांकों को लिया जायेगा। इंटरमीडिएट की वर्ष 2021 की परीक्षा के सभी रजिस्टर्ड परीक्षार्थियों को आगामी इंटर परीक्षा में अपनी इच्छा के अनुसार एक विषय में अथवा अपने सभी विषयों की परीक्षा में सम्मिलित होकर अपने अंको में सुधार करने का अवसर प्राप्त होगा। हाईस्कूल के लिए संबंधित परीक्षार्थियों को कक्षा-नौ की वाॢषक परीक्षा के प्राप्तांकों एवं उनके कक्षा-10 के प्री-बोर्ड परीक्षा के प्राप्तांकों के औसत के आधार पर तैयार कराया जायेगा
सभी शिक्षक तथा विद्यार्थी के स्वास्थ्य की चिंता
डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक विद्यार्थी व शिक्षक के स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रति चिंता के क्रम में कक्षा 10 तथा 12 की परीक्षा को निरस्त किया है। कोरोना वायरस के संक्रमण से फैली महामारी के कारण उत्पन्न इस असाधारण परिस्थितियों में व्यापक छात्र-शिक्षक हित में तथा सत्र नियमित करने के दृष्टिकोण से प्रदेश सरकार ने बोर्ड परीक्षा निरस्त कर दी है।
छात्र-छात्रा हित में निरंतर कार्य
डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग प्रदेश के हर छात्र-छात्रा के हित में निरंतर काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जिसमें गत वर्ष 2020 के जुलाई माह में ही कोरोना महामारी के कारण पठन-पाठन में हो रहे व्यवधान के दृष्टिगत पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत तक की कमी कर दी थी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष के लॉकडाउन से ही ऑनलाइन पठन-पाठन के साथ साथ दूरदर्शन, स्वयं प्रभा चैनल, ई-विद्या चैनल, वर्चुअल स्कूल तथा यूट्यूब एवं माध्यमिक शिक्षा परिषद के ई-ज्ञानगंगा के माध्यम से बच्चों का पठन-पाठन सुनिश्चित किया गया है। इसके साथ ही 29 लाख से अधिक व्हाटसएप ग्रुप प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं छात्रों के बनाये गये तथा पठन-पाठन की नियमित अनुश्रवण व्यवस्था बनायी गयी। परीक्षा की अवधि गत वर्ष से ही 15 दिन में सीमित कर दी गई थी तथा इस वर्ष फिजिकल सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ा दी गई थी।
सत्र नियमतिकरण भी जरूरी
डॉ. शर्मा ने बताया कि इस महत्वपूर्ण निर्णय से हाई स्कूल के 29.94 लाख तथा इंटरमीडिएट के 26.10 लाख परीक्षार्थी लाभान्वित होंगे। नव प्रोन्नत छात्र-छात्राएं अपनी अगली कक्षा के पठन-पाठन पर पूर्ण मनोयोग से ध्यान दे सकते हैं। सत्र नियमितीकरण के अंतर्गत अगली कक्षा में ऑनलाइन कक्षाएं प्रारंभ की जा सकती है तथा कक्षा बारहवीं के उत्तीर्ण छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लेने में सुलभता रहेगी।