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अखिलेश यादव के 400 सीट जीतने के दावे पर भाजपा का तंज- जंग लगी पंचर साइकिल से नहीं जीती जाती रेस

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने तंज कसा कि अखिलेश ने कहा है कि वह समाजवादी नेता और चिंतक जनेश्वर मिश्रा के रास्ते पर चल रहे हैं लेकिन जो व्यक्ति अपने पिता के नक्शे कदमों पर नहीं चल पाया वह जनेश्वर मिश्रा के रास्ते पर कैसे चल सकता है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 10:24 PM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 08:35 AM (IST)
अखिलेश यादव के 400 सीट जीतने के दावे पर भाजपा का तंज- जंग लगी पंचर साइकिल से नहीं जीती जाती रेस
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव कुर्सी का कोरा स्वप्न देख रहे हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। समाजवादी साइकिल यात्रा निकाल कर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में 400 सीटें जीतने का दावा किया तो भाजपा ने इसे कोरा स्वप्न बताकर तीखे बयान शुरू कर दिए। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कुर्सी का कोरा स्वप्न देख रहे हैं। वहीं एमएसएमई मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि 400 का सपना देख रहे सपा नेता के सामने चुनाव में 40 सीटें बचाने की बड़ी चुनौती है।

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा सरकार की अराजकता, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार और सत्ता से बाहर रहने के दौरान विपक्ष के तौर पर उनकी अकर्मण्यता व नकारात्मकता को जनता ने इतने गहरे से महसूस किया है कि वह सपा को सत्ता से सदैव बाहर रखने का मन बना चुकी है। उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष शायद भूल गए कि पिछले दो वर्षों में उनकी साइकिल में खड़े-खड़े जंग लग गई है और जंग लगी पंचर साइकिल से रेस नहीं जीती जाती।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सपा मुखिया को विरासत में सत्ता मिली। पिता-चाचा के खून-पसीने से बनी विरासत को हड़प लिया। उन्होंने तंज कसा कि अखिलेश ने कहा है कि वे समाजवादी नेता और चिंतक जनेश्वर मिश्रा के रास्ते पर चल रहे हैं, लेकिन जो व्यक्ति अपने पिता के नक्शे कदमों पर नहीं चल पाया, वह जनेश्वर मिश्रा के रास्ते पर कैसे चल सकता है।

सपा के सामने 40 सीटें बचाने की चुनौती : एमएसएमई मंत्री व सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि गुंडों, माफिया और भ्रष्टाचारियों का गैंग चलाने वाले अखिलेश के मुंह से कानून व्यवस्था और न्याय की बात अच्छी नहीं लगती। डेढ़ वर्ष बाद घर से बाहर निकले अखिलेश भ्रमित और घबराए हुए हैं। 400 का सपना देख रहे सपा नेता के सामने चुनाव में 40 सीटें बचाने की बड़ी चुनौती है। साढ़े चार साल बाद जनता की सुध लेने वाले अखिलेश घबराहट में हैं। जमीनी हकीकत से सामना नहीं कर पा रहे हैं। अपराधी और माफिया सहयोगियों के सफाए से सपा व अखिलेश अकेले और परेशान हैं।

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