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रोहिंग्या अजीजुल हक के कुछ और मददगारों तक पहुंची यूपी ATS , जल्द होगी कई की गिरफ्तार

यूपी एटीएस ने अजीजुल उसके मददगार संतकबीरनगर निवासी अब्दुल मन्नान व गोरखपुर निवासी नरेश को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ का सिलसिला पूरा कर लिया है। तीनों को जेल में दाखिल कराया जा चुका है। अब एटीएस की नजर इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों पर टिकी हैं।

By Umesh Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 05:03 PM (IST)
रोहिंग्या अजीजुल हक के कुछ और मददगारों तक पहुंची यूपी ATS , जल्द होगी कई की गिरफ्तार
यूपी एटीएस ने संतकबीरनगर से गिरफ्तार रोहिंग्या अजीजुल हक के कुछ अन्य मददगारों के बारे में अहम जानकारियां जुटाई है।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ता (यूपी एटीएस) ने संतकबीरनगर से गिरफ्तार रोहिंग्या अजीजुल हक के कुछ अन्य मददगारों के बारे में भी अहम जानकारियां जुटाई है। इसके अलावा अजीजुल की फर्जी मार्कशीट बनाने वाले नरेश ने कुछ अन्य पासपोर्ट बनवाने की बात भी स्वीकार की है। एटीएस अब उसके जरिये बनवाए गए अन्य पासपोर्ट की छानबीन कर रही है। आशंका है कि अजीजुल हक की तरह कुछ अन्य रोहिंग्या के पासपोर्ट भी बनवाए गए हैं। हालांकि एटीएस अब तक अजीजुल के बहनोई नूर आलम का कुछ पता नहीं लगा सकी है। 

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एटीएस ने अजीजुल, उसके मददगार संतकबीरनगर निवासी अब्दुल मन्नान व गोरखपुर निवासी नरेश को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ का सिलसिला पूरा कर लिया है। तीनों को जेल में दाखिल कराया जा चुका है। अब एटीएस की नजर इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों पर टिकी हैं। इसके साथ ही अजीजुल की मदद से प्रदेश में आए अन्य रोहिंग्या के बारे में भी छानबीन तेज की गई है। एटीएस की टीमें मुंबई व हैदराबाद में अजीजुल के खातों में रकम भेजने वालों के बारे में भी छानबीन कर रही हैं। मामले में एटीएस जल्द कुछ अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी कर सकती है।

एटीएस के रडार पर दो हजार नंबर : फर्जी आइडी पर लिए गए सिम के जरिए बैंकों में आनलाइन खाते खोलकर करोड़ों की ठगी के मामले में एटीएस के रडार पर अब करीब दो हजार मोबाइल नंबर हैं। एटीएस ने इस मामले में प्रदेश से नौ व दिल्ली से पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया था। आरोपितों के मोबाइल से कई अहम सुराग मिले हैं। करीब दो हजार नंबरों की जानकारी भी मिली है, जिनकी छानबीन की जा रही है। इनमें फर्जी आइडी के जरिए हासिल किए गए प्री-एक्टिवेटेड नंबरों की तलाश की जा रही है।

गिरोह के विदेशी सदस्यों की तलाश : एटीएस की एक टीम दिल्ली में गिरोह का प्रमुख हिस्सा रहे विदेशियों की तलाश भी कर रही है। हालांकि आनलाइन खातों में रकम कहां से भेजी गई और उसका इस्तेमाल कहां किया गया, इसे लेकर अभी तस्वीर पूरी तरह से साफ नहीं हो सकी है। बता दें कि एटीएस ने जासूसी के आरोप में पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया था। सौरभ शर्मा की पत्नी पूजा के खाते में ऐसे ही एक आनलाइन खाते से रकम भेजे जाने की बात सामने आई थी, जिसके बाद एटीएस के हाथ इस गिरोह तक पहुंचे थे।


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