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Conversion Case: अवैध मतांतरण में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी की यूपी एटीएस को मिली रिमांड

Conversion Case उत्तर प्रदेश में गहरी साजिश के तहत मतांतरण के खेल में गिरफ्तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े मौलाना कलीम सिद्दीकी की पुलिस रिमांड विशेष कोर्ट ने मंजूर कर ली है। दस दिनों की रिमांड अवधि शुक्रवार सुबह दस बजे से शुरू होगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 06:38 PM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 09:26 PM (IST)
Conversion Case: अवैध मतांतरण में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी की यूपी एटीएस को मिली रिमांड
मौलाना कलीम सिद्दीकी की पुलिस रिमांड विशेष कोर्ट ने मंजूर कर ली है।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में गहरी साजिश के तहत मतांतरण के खेल में गिरफ्तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बड़े मौलाना कलीम सिद्दीकी का एनआइए/एटीएस की विशेष अदालत ने 10 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया है। इसकी रिमांड की यह अवधि 24 सितंबर की सुबह 10 बजे से शुरू होकर चार अक्टूबर की सुबह 10 बजे खत्म होगी। विशेष जज योगेंद्र राम गुप्ता ने यह आदेश इस मामले के विवेचक व एटीस के निरीक्षक चैम्पियन लाल की अर्जी को मंजूर करते हुए दिया है। गुरुवार को इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान अभियुक्त भी जेल से अदालत में हाजिर रहा। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) अब कलीम सिद्दीकी से मतांतरण की साजिश के राज उगलवाएगी। इसके लिए जांच एजेंसी ने एक टीम का गठन किया है। 

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अदालत में विवेचक का कहना था कि 21 सितंबर को इसे मेरठ के थाना पल्लवपुरम से गिरफ्तार कर अगले दिन उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। इसके कब्जे से मोबाइल फोन और सात देशी व विदेशी सिमकार्ड बरामद हुए हैं। अभियुक्त कई मदरसों एवं जमीयत-ए-इमाम-वलीउल्ला ट्रस्ट का संचालन करता है। जिसके माध्यम से गैर मुस्लिमों को दावत देकर उनका मुस्लिम धर्म में परिवर्तन कराया जाता है।

अभियुक्त मौलाना कलीम सिद्दीकी अपने तकरीरों व साहित्यों के जरिए लोगों को यकीन दिलाता है कि गैर मुस्लिम होना लानत की बात है। जब लोग इसकी बातों में आकर धर्म परिवर्ततन को तैयार हो जाते हैं, तो सह अभियुक्तों के साथ मिलकर उनका मतांतरण प्रमाण पत्र व दस्तावेज बनवाने का कार्य करता है। विवेचना के क्रम में इससे बरामद मोबाइल फोन व सिमकार्ड का डाटा एक्सट्रेशन संबधी तथ्यों की रिकवरी करानी है। अभियुक्त के बैंक खातों का विश्लेषण कर पूछताछ करना है।

इस मामले में पहले से न्यायिक हिरासत में निरुद्ध अभियुक्त मो. उमर गौतम के इस्लामिक दावा सेंटर के माध्यम से कराए गए धर्म परिवर्तन से संबधित व्यक्तियों को इससे चिन्हित कराना है। इसके लिए इसे मेरठ, मुज्जफरनगर, दिल्ली व अन्य स्थानों पर ले जाना है। इसकी निशानदेही पर इसके द्वारा संचालित जमीयत-ए-इमाम-वलीउल्ला ट्रस्ट के अभिलेखों की बरामदगी करानी है। इससे गहन पूछताछ कर अन्य तथ्यों की भी बरामदगी करानी है। लिहाजा इसका 12 दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया जाए।

20 जून, 2021 को इस मामले की एफआइआर एसआइ विनोद कुमार ने थाना एटीएस में दर्ज कराई थी। इसके बाद इस मामले में 10 अभियुक्तों को देश के विभिन्न इलाको से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया। इनमें मो. उमर गौतम, मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी, इरफान शेख उर्फ इरफान खान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान व सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल हो चुका है, जबकि शेष चार अभियुक्त डा. फराज बाबूल्लाह शाह, प्रसाद कावरे उर्फ एडम उर्फ आदम, अर्सलान उर्फ भूप्रिय विंदो व कौसर आलम के खिलाफ विवेचना अभी जारी है।


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