सेना के पूर्व जवान सौरभ शर्मा को लेकर मेरठ गई ATS के हाथ लगी मायूसी, नहीं मिल सकी CCTV फुटेज
आइएसआइ के लिए जासूसी करने के आरोपित सेना के पूर्व जवान सौरभ शर्मा को लेकर मेरठ गई एटीएस के हाथ मायूसी लगी है। मेरठ के जिस मॉल में सौरभ को पाकिस्तानी एजेंट ने रकम दी थी वहां उसकी सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल सकी।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए जासूसी करने के मामले में पकड़े गए सेना के पूर्व जवान सौरभ शर्मा से पूछताछ में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। हालांकि आरोपित सौरभ को लेकर मेरठ गई एटीएस के हाथ मायूसी भी लगी है। मेरठ के जिस मॉल में सौरभ को पाकिस्तानी एजेंट ने रकम दी थी, वहां उसकी सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल सकी। मेरठ के मॉल में सौरभ को नोटों से भरा लिफाफा देने वाले एजेंट की पहचान के लिए एटीएस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों के बारे में छानबीन कर रही है।
एटीएस ने पूर्व जवान को लखनऊ लाकर उससे नए सिरे से पूछताछ शुरू की है। एक दिन पूर्व एटीएस सौरभ को लेकर मेरठ गई थी और कई स्थानों पर छानबीन की थी। मुख्य रूप से उस मॉल में गई थी, जहां सौरभ ने उसे नकद रुपये दिए जाने की बात बताई थी। एटीएस कुछ संदिग्धों से पूछताछ भी कर रही है। इसके अलावा आइएसआइ के लिए जासूसी के आरोप में पूर्व में पकड़े गए आरोपितों के पूर्व जवान से कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं।
अनस गितैली की पुलिस रिमांड पर आज सुनवाई : एटीएस गुजरात निवासी अनस गितैली को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने का प्रयास कर रही है। एटीएस ने अनस की 10 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किए जाने की अर्जी कोर्ट में दाखिल की है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। सौरभ व अनस का आमना-सामना कराए जाने पर आइएसआइ एजेंटों के अहम राज खुलने की उम्मीद है।
रोहिंग्या के अन्य मददगारों की तलाश : एटीएस संतकबीनगर से पकड़े गए रोहिंग्या अजीजुल हक के अन्य मददगारों की भी तलाश कर रही है। फर्जी दस्तावेज बनवाने में अजीजुल के मददगार रहे खलीलाबाद नगर पालिका के संविदा कर्मचारी अब्दुल मन्नान ने दो अन्य युवकों के बारे में भी जानकारी दी है। एटीएस उनकी भूमिका की भी छानबीन कर रही है। एटीएस ने अब्दुल मन्नान को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी है, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी।
अजीजुल के नाम से दो पासपोर्ट : एटीएस ने लखनऊ स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय से भी अहम जानकारियां जुटाई हैं। अजीजुल ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए बनवाए गए प्रपत्रों के आधार पर अजीजुल के नाम से दो पासपोर्ट हासिल किए थे। इन पासपोर्ट को बनवाने के लिए अजीजुल्ला के नाम से लगाए गए दस्तावेज असली थे, जिन पर किसी को कोई संदेह नहीं हुआ था।