कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह की सदस्यता पर विधानसभा अध्यक्ष ने सुरक्षित रखा फैसला
रायबरेली की सदर सीट से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है।
लखनऊ, जेएनएन। रायबरेली की सदर सीट से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने दोनों को पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। वहीं, रायबरेली की ही हरचंदपुर सीट से कांग्रेस के दूसरे बागी विधायक राकेश सिंह और समाजवादी पार्टी के दूसरे बागी नितिन अग्रवाल के दलबदल प्रकरण में अभी सुनवाई जारी है।
रायबरेली सदर की कांग्रेस विधायक अदिति सिंह पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा मोना ने दलबदल कानून के तहत विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर की थी। इस मामले पर दोनों पक्षों की ओर से तीन घंटे से अधिक सुनवाई चली। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने दोनों को पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। माना जा रहा है कि फैसला दो- तीन दिन के भीतर सुनाया जा सकता है।
दूसरी ओर रायबरेली की ही हरचंदपुर सीट से कांग्रेस के दूसरे बागी विधायक राकेश सिंह के वकील की ओर से कागजात पूरे न होने की असमर्थता जताते हुए अगली तारीख मांगी है, जबकि समाजवादी पार्टी की ओर से दलनेता रामगोविंद चौधरी ने अपना स्वास्थ्य खराब होने के कारण सुनवाई टालने का आग्रह किया है। सदस्यता रद्द करने पर कांग्रेस की याचिका पर 25 जून को विधानसभा अध्यक्ष ने पहली सुनवाई की थी। वहीं, दूसरी सुनवाई 30 जून को हुई।
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने भी रायबरेली के दो विधायकों अदिति सिंह एवं राकेश सिंह को नोटिस जारी किया है। हाई कोर्ट ने यह आदेश कांग्रेस की एमएलए आराधना मिश्रा की ओर से दो अलग-अलग दायर रिट याचिकाओंं पर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होनी है। कोर्ट में तर्क दिया गया था कि अदिति सिंह और राकेश सिंह वर्ष 2017 में पार्टी के टिकट पर चुनकर विधानसभा पंहुचे थे, लेकिन उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियां प्रारंभ कर दी। इसके बाद उनकी विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने के लिए स्पीकर के सामने अर्जी दी गई। तीन माह बीतने के बाद भी स्पीकर ने अर्जी नहीं निस्तारित की है। हाई कोर्ट मांग की गई है कि स्पीकर को आदेश दिया जाए कि याची की अर्जियां शीघ्र निस्तारित करें। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिकाओं को मंजूर करने के बिंदु पर नोटिस जारी किया है।