Paper Leak Law: यूपी में पेपर लीक के लिए नया कानून पास, संपत्ति भी हो सकती हैं जब्त; एक करोड़ तक जुर्माना
यूपी विधानसभा में पेपर लीक के लिए नया कानून पास हो चुका है। नकल माफिया पर नकेल कसने के लिए अब नया कानून जांच एजेंसियों का हथियार बनेगा। नए कानून के तहत अब परीक्षा में नकल व पेपर लीक कराने वाले गिरोह के सदस्यों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई हो सकेगी। इसके साथ ही लव जिहाद रोकथाम का बिल भी विधानसभा में पास कर दिया गया है।
राज्य ब्यूरो लखनऊ। पेपर लीक कराने वालों व साल्वर गिरोह पर अब कठोर कार्वाई होगी। विधानसभा में उप्र सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनाें का निवारण) विधेयक-2024 पारित हो गया। पेपर लीक की गंभीरता काे देखते हुए इसकी प्रभावी जांच का निर्णय भी लिया गया है। नए कानून के तहत पेपर लीक मामले में दर्ज मुकदमे की विवेचना पुलिस उपाधीक्षक करेंगे।
पेपर लीक कराने में एजेंसी की भूमिका सामने आने पर उससे पूरी परीक्षा का खर्च वसूले जाने का प्रविधान भी किया गया है। संसदीय कार्य व वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह कानून पारदर्शी व निष्पक्ष परीक्षाएं संपन्न कराने में सहयोगी होगा। साथ ही शैक्षणिक योग्यता बढ़ाने के लिए किसी परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें दंड से मुक्त रखा गया है।
जो परीक्षार्थी शैक्षणिक, तकनीकी, व्यवसायिक या अन्य योग्यता प्राप्त करने के लिए किसी सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनाें का प्रयाेग करता पकड़ा जाएगा, उसके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। ऐसे मामले में उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा।
उन्हें एक वर्ष के लिए अगली परीक्षा में भाग लेने से रोक दिया जाएगा। सपा सदस्य इंजीनियर सचिन यादव ने सदन में विधेयक में पेपर लीक होने की दशा में अभ्यर्थियों को मुआवजा दिए जाने व परीक्षा कराने वाली संस्था के चयन की प्रकिया व अन्य प्रविधान भी किए जाने की मांग उठाई। संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह कानून पारदर्शी व निष्पक्ष परीक्षाएं संपन्न कराने में सहयोगी होगा।
खासतौर पर कोई व्यक्ति या संस्था किसी प्रकार से अनुचित संसाधनाें का प्रयोग करती है, तो उस पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित हो सकेगी। कानून में नियम तय करने की शक्ति भी है। परीक्षा के लिए संस्था के चयन व अन्य प्रक्रियाओं को लेकर नियम भी बनेंगे। अलग-अलग आरोप में दो वर्ष से सात वर्ष तक तथा दो वर्ष से 10 वर्ष तक कैद की सजाओं का प्रविधान भी किया गया है।
न्यूनतम दो लाख से रुपये लेकर एक कराेड़ रुपये तक जुर्माना भी होगा। साल्वर गिरोह के अपराध की पुनरावृत्ति करने पर आजीवन कारावास से न्यूनतम 50 लाख रुपये जुर्माने तक की व्यवस्था की गई है। परीक्षा संचालित कराने वाली एजेंसी व उसके संचालकों की जिम्मेदारी तय की गई है। नए कानून के तहत डीएम को दोषियों की संपत्तियां जब्त कराने का अधिकार भी होगा। पेपर लीक कराने वाले गिरोह से भी परीक्षा में हुआ खर्च वसूलने का प्रविधान होगा।
यह भी खास
- कानून के दायरे में किसी पद पर भर्ती, नियमितीकरण या पदोन्नति की परीक्षा के अलावा उप्र लोक सेवा आयोग, उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, बोर्ड, विश्वविद्यालय, प्राधिकरण, निकाय या आयोग और सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किसी भर्ती समिति की परीक्षाएं भी आएंगी।
- गड़बड़ी होने पर साल्वर गिरोह, सेवा प्रदाता व उससे जुड़े कर्मचारी, एजेंट व सेवा प्रदाता की सहायक कंपनी, परीक्षा प्राधिकरण के अधिकारी व कर्मचारी कार्रवाई के दायरे में होंगे।
- नकल व पेपर लीक जैसे अपराध के अलावा फर्जी वेबसाइट बनाना, फर्जी परीक्षा आयोजित करना, फर्जी प्रवेश पत्र जारी करना, फर्जी प्रश्नपत्र को वास्तविक प्रश्नपत्र के रूप में परीक्षा से पूर्व प्रसारित करना भी अपराध होगा।
- यदि पेपर लीक व नकल समेत परीक्षा से जुड़ी गड़बडि़यों में परीक्षा कराने वाला संस्थान या एजेंसी की संलिप्तता पाई गई तो परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा। संपत्ति भी जब्त की जा सकेगी।
- अपराध संज्ञेय व गैरजमानती होंगे।
- किसी आरोपित को तब तक जमानत नहीं मिलेगी, जब तक लोक अभियोजक को उसके आवेदन का विरोध करने का अवसर न दिया जाए।
- सामूहिक नकल कराने वाले संस्थान को किसी भी सार्वजनिक परीक्षा का संचालन कराने की अनुमति नहीं मिल सकेगी।
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