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यूपी विधानसभा सदन को 47 लोगों ने बना लिया बंधक : योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 47 सपा सदस्य द्वारा सदन को बंधक बनाना उचित नहीं है। विपक्ष, बिजली पर बहस नहीं सिर्फ हंगामा करना चाहता है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 15 Dec 2017 09:27 PM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 09:36 PM (IST)
यूपी विधानसभा सदन को 47 लोगों ने बना लिया बंधक : योगी
यूपी विधानसभा सदन को 47 लोगों ने बना लिया बंधक : योगी

लखनऊ (जेएनएन)। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी विधानमंडल में हंगामा रहा और विद्युत दरों पर तकरार बढ़ गई। विधानसभा में हंगामे के चलते कार्यवाही बाधित हुई तो विपक्ष पर बरसते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मात्र 47 लोगों (समाजवादी पार्टी के सदस्य) द्वारा सदन को बंधक बनाना उचित नहीं है। विपक्ष, बिजली पर बहस नहीं सिर्फ हंगामा करना चाहता है।

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योगी ने कहा कि उनकी सरकार, प्रत्येक प्रश्न का जवाब देने को तैयार है। मुख्यमंत्री ने बढ़ी बिजली दरों पर सदन में सफाई दी। उन्होंने कहा कि किसान को पहले से अधिक बिजली मिल रही है। पहले डीजल से पंप चलाने पर ज्यादा खर्च होता था। अब प्रति यूनिट 6.74 रुपये खर्च के बावजूद किसान को केवल 1.10 रुपये दर से बिजली उपलब्ध की जा रही है। विद्युत नियामक आयोग की संस्तुति पर बिजली दर 80 पैसे से बढ़ा कर 1.10 रुपये प्रति यूनिट की गई है और महज 30 पैसों की बढोत्तरी पर ही ये लोग हल्ला कर रहे हैं, लेकिन जो काम हमने किया है, उसे नहीं देख रहे।

मुख्यमंत्री यही नहीं ठहरे। उन्होंने कहा कि सपा शासनकाल में बिजली की हालत खस्ता थी। हमारी सरकार ने किसानों व नौजवानों के हित में काम किए हैं, जो लोगों को पच नहीं रहे। वंशवाद व जातिवाद की राजनीति खत्म न हो, इसलिए हंगामा हो रहा है। मुख्यमंत्री ने सदन स्थगित होने के बाद सेंट्रल हाल में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए विपक्ष के आरोप पर पलटवार किया। कहा, सरकार चर्चा को तैयार है, लेकिन सपा भाग रही है।

इससे पूर्व विधानसभा में कार्यवाही शुरू होते ही सपा व कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। बढ़ी बिजली दरें वापस लेने की मांग करते हुए नारे बाजी की और वेल में धरना दिया। बसपा- रालोद के सदस्य अपनी सीटों से विरोध जताते रहे। विधानसभा अध्यक्ष हृृदयनारायण दीक्षित ने समझाने की कोशिश की परंतु प्रश्न काल नहीं चल सका। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की विपक्षी सदस्यों से खूब नोकझोंक हुई। शर्मा ने बिजली दर वृद्धि का ब्यौरा देते हुए सपा कांग्रेस के मेल को जहरीला कॉकटेल कहा तो तनातनी बढ़ गयी।

प्रश्नकाल के बाद दोपहर 12.20 बजे कार्यवाही शुरू कराने की कोशिश फिर नाकाम हुई। हंगामे के दौरान ही मुख्यमंत्री ने अपना पक्ष प्रस्तुत किया। बसपा के लालजी वर्मा ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये बिजली मुद्दा उठाने का प्रयास किया परंतु हंगामे में दबकर रह गया। इस पर बसपा के साथ रालोद सदस्य भी सदन से बहिर्गमन कर गए।

उधर विधान परिषद में कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिए सपा ने यह मसला उठाया। सपा के नरेश उत्तम ने कहा कि सरकार बिजली ठीक से नहीं दे पा रही जबकि दरों में बेतहाशा वृद्धि कर दी। नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि बिजली की जर्जर व्यवस्था दुरुस्त करने को दरें बढ़ाना जरूरी था। इस पर सपा सदस्य नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। इस शोर शराबे के बीच ही  विधायी कार्य निपटा दिए गए।  

सदन सोमवार तक स्थगित 

बिजली दर हंगामे के चलते दोपहर करीब 12.45 बजे विधानसभा अध्यक्ष हृृदयनारायण दीक्षित द्वारा सोमवार तक सदन को स्थगित कर दिया गया। इससे पूर्व हंगामे के बीच दो विधेयक उत्तर प्रदेश चलचित्र विनियमन संशोधन विधेयक-2017 व उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास संशोधन विधेयक-2017, पेश करते हुए कुछ विधायी कार्य भी निपटाए गए।

आश्वासन के बाद धरना खत्म

विधानसभा स्थगित होने के बाद भी कांगेस व सपा सदस्य वेल में धरने पर बैठे रहे। खाली मंडप मेंं नारेबाजी जारी रही। मार्शल व सपा सदस्यों के बीच झड़पें भी हुई। विधानसभा अध्यक्ष व संसदीय कार्यमंत्री से वार्ता होने के बाद धरना खत्म किया गया


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