Mission UP 2022: कांग्रेस को पूरी उम्मीद, प्रियंका वाड्रा ने थामी है पतवार तो यूपी में पार लगेगी नैया
UP Vidhan Sabha 2022 प्रयागराज में प्रियंका वाड्रा बीच संगम नाविक से खुद ही नाव उस पार ले जाने की इच्छा जताई। नाविक ने फौरन हामी भर दी। कुछ देर उन्होंने केवल दाहिने हाथ से नाव खेई फिर दोनों हाथों से घाट के करीब तक खेवनहार बनकर आईं।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले वर्ष 2022 में होने हैं, लिहाजा सियासी दल सधी रणनीति के साथ अपनी पूरी ताकत झोंकने में अभी से लग गए हैं। उत्तर प्रदेश में हाशिए पर खड़ी कांग्रेस प्रियंका वाड्रा को चेहरा बनाकर संजीवनी तलाशने में जुटी गई है। कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि यूपी में डगमगा रही पार्टी की नैया को प्रियंका ही पार लगाएंगी। इसी क्रम में उनके दौरे यहां शुरू कर दिए गए हैं।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका वाड्रा दो दिनों से यूपी में हैं। बुधवार को सहारनपुर में गले में रुद्राक्ष की माला धारण कर मंदिरों में दर्शन पूजन कर किसान महापंचायत को संबोधित किया तो गुरुवार को उन्होंने प्रयागराज संगम में डुबकी लगाई। इससे पहले वह प्रियंका रामपुर में दिल्ली किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में मारे गए किसान नवरीत सिंह के आखिरी अरदास में पहुंची थीं।
किसान आंदोलन को हवा देते हुए उत्तर प्रदेश में उनके बीच अपनी पैठ मजबूत करने के उद्देश्य से कांग्रेस पार्टी प्रियंका गांधी के सहारे 10 फरवरी से पश्चिम यूपी में 'जय जवान जय किसान' अभियान की शुरुआत की है। इसी क्रम में वह पहले दिन सहारनपुर पहुंचीं। सहारनपुर में प्रवेश करते ही मां शाकंभरी धाम में मत्था टेकते, बाबा भूरादेव के दरबार में हाजिरी लगाते, खानकाह में दुआ कराते, मंच पर भगवाधारी संतों के आगे सिर झुकाते और हाथों में हल लेकर ललकारते प्रियंका वाड्रा कैमरों में खूब कैद हुईं। प्रियंका की यह पंचायत विधानसभा चुनाव के श्रीगणेश के लिहाज से अहम मानी जा रही है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने गुरुवार को प्रयागराज पहुंचीं। वहां मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर पावन त्रिवेणी (संगम) में पवित्र डुबकी लगाई। फिर यमुना किनारे स्थित मनकामेश्वर मंदिर पहुंचकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से आशीर्वाद लिया। संगमनगरी में उनका यह प्रवास करीब पांच घंटे का रहा और अपने पीछे तमाम सियासी निहितार्थ छोड़ गया। प्रियंका ने लाल रंग की साड़ी, नारियल, दूध, फूल, मिठाई, फल और रुद्राक्ष की माला के साथ दक्षिणा तीर्थ पुरोहित को भेंट की।
वापस लौटते समय प्रियंका बीच संगम नाविक से खुद ही नाव उस पार ले जाने की इच्छा जताई। नाविक ने फौरन हामी भर दी। कुछ देर उन्होंने केवल दाहिने हाथ से नाव खेई फिर दोनों हाथों से घाट के करीब तक खेवनहार बनकर आईं। पतवार छोड़कर वह बैठीं तो नाविक से कहा कि नाव चला लेते हैं। नजदीक ही दूसरी नाव से चल रहे प्रमोद तिवारी ने कहा कि जैसे कुशलता से संगम में नैया का खेवनहार बनी हैं, वैसे ही कांग्रेस की नाव की मांझी बन जाएं तो देश की नैया भी पार हो जाएगी। इस पर जमकर ठहाके लगे।