यूपी विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान टूटी शब्दों की मर्यादा, धरने पर बैठे सपा विधायक
UP Assembly Budget Session 2022 यूपी विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान शब्दों की मर्यादा टूट गई और सदन सत्ता और विपक्ष के बीट अखाड़ा बन गया। सपा के रफीक ने कहा कि जालिमों तुम मिट जाओगे तो भाजपा के राजेश चौधरी ने ठोंक दी ताल।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। राजनीतिक विचारधारा के टकराव का अशोभनीय दृश्य मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा मंडप में भी देखने को मिला। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान शब्दों की मर्यादा तक टूट गई। समाजवादी पार्टी के विधायक रफीक अंसारी ने भाजपा को अंग्रेजों की मुखबिर कहा। अल्पसंख्यकों से भेदभाव के आरोप लगाते हुए 'जालिमों तुम मिट जाओगे' जैसे तीखे शब्द कहे तो भाजपा विधायक राजेश चौधरी ने खड़े होकर ताल ठोंक दी।
इधर, सपा खेमा भाजपा के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल द्वारा 'औरंगजेब का अनुयायी' कहे जाने से भी तिलमिलाया हुआ था। दोनों ओर से तनातनी बढ़ी और विधानसभा अखाड़ा बनती नजर आई। सपा विधायक पटल के सामने आकर हंगामा करने लगे और वहीं धरने पर बैठ गए।
बजट सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर भाजपा विधायक डा. मंजू सिवाच ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसका समर्थन साकेंद्र प्रसाद वर्मा ने किया। सपा सदस्य लालजी वर्मा ने सरकार की तमाम खामियां गिनाते हुए संशोधन प्रस्ताव रखा। इसके बाद बारी-बारी से पक्ष-विपक्ष के सदस्य अभिभाषण पर चर्चा कर रहे थे।
आगरा से भाजपा के विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल की बारी आई तो वह विपक्ष पर हमलावर हो गए। कहा कि जो जिन्होंने राज्यपाल का अभिभाषण सुना ही नहीं था, वह आज चर्चा कर रहे हैं। यह रंग बदलने में गिरगिट से आगे हैं। इन्हें पद्मश्री मिलना चाहिए। उन्होंने सपा सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह महाराणा प्रताप को चुनौती देने वाले अकबर और औरंगजेब के अनुयायी हैं।
इस पर सपा खेमे की ओर से लगातार विरोध स्वरूप टिप्पणी की जाती रही। मगर, सदन का माहौल तब गर्माया, जब मेरठ से सपा विधायक रफीक अंसारी ने बोलना शुरू किया। उन्होंने भाजपा विधायकों की ओर इंगित कर कहा कि यह मुगलों की बात करते हैं, अंग्रेजों की नहीं करते, जिनके यह मुखबिर थे। काशी-मथुरा की बात करते हैं। हम भी यहां रहेंगे और आप भी। हमारा सब्र आपको खाक में मिला देगा।
उन्होंने अल्पसंख्यकों को गद्दार कहने का आरोप भाजपा पर लगाया। कहा कि भोले-भाले अल्पसंख्यकों को जबरन जेल भेजा जा रहा है। बड़े-बड़े जालिम बादशाह हुए हैं, वह फना हो गए। आप सब अंग्रेजों के मुखबिर हैं। हमारा रिश्ता मुगलों से नहीं, हिंदुस्तान से है। फिर जैसे ही रफीक ने कहा- 'जालिमों तुम मिट जाओगे' तो भाजपा की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई।
मांट विधायक राजेश चौधरी खड़े हुए तो रफीक अंसारी ने कह दिया कि मैं चार बार नगर पालिका का चेयरमैन रहा हूं। तुम पहली बार विधायक बने हो और मुझे कानून बता रहे हो। इस पर राजेश चौधरी ने तैश के साथ ताल ठोंक दी। इस पर सपा सदस्य भड़क गए और पटल के सामने पहुंच गए। अधिष्ठाता रवि शर्मा ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने।
एक बार तो ऐसा लगा कि मारपीट की नौबत न आ जाए। संसदीय कार्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर सिंह ने अपने सदस्यों को शांत कराया। इतने में ही विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना आ गए। उन्हें सभी को अपनी सीट पर जाने के लिए कहा, लेकिन सपा विधायक वहीं धरने पर बैठ गए।
फिर महाना ने पूरा मामला बताने के लिए कहा तो सपा विधायक अपनी-अपनी सीट पर पहुंचे। तब सपा की ओर से गौरीगंज विधायक राकेश प्रताप सिंह ने पूरा घटनाक्रम अध्यक्ष को सुनाते हुए राजेश चौधरी द्वारा माफी मांगे जाने की मांग की। इस पर महाना ने कहा कि वह कार्यवाही दिखवाकर जो भी असंसदीय शब्द होंगे, उन्हें निकलवा देंगे। इसके साथ ही संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने भी खेद जता दिया। तब जाकर माहौल शांत हुआ।