Move to Jagran APP

UP Assembly By-Election Result 2019 : भाजपा को फिर सबक दे गया चुनाव परिणाम

UP Assembly By Election Result 2019 भाजपा ने उप चुनाव वाली 11 सीटों पर 2017 के मुकाबले एक सीट गंवा दी और दूसरे अधिकांश सीटों पर जीत का अंतर भी सिमट गया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 24 Oct 2019 08:37 PM (IST)Updated: Fri, 25 Oct 2019 09:47 AM (IST)
UP Assembly By-Election Result 2019 : भाजपा को फिर सबक दे गया चुनाव परिणाम
UP Assembly By-Election Result 2019 : भाजपा को फिर सबक दे गया चुनाव परिणाम

लखनऊ [आनन्द राय]। विधानसभा उप चुनाव (UP Assembly By-Election) में भाजपा संगठन और सरकार ने बूथ स्तर तक जितनी मजबूत किलेबंदी की थी उसके सापेक्ष जीत का सेहरा नहीं बंधा। भाजपा ने उप चुनाव वाली 11 सीटों पर 2017 के मुकाबले एक सीट गंवा दी और दूसरे अधिकांश सीटों पर जीत का अंतर भी सिमट गया। जाहिर है कि यह चुनाव परिणाम भाजपा को फिर एक सबक दे गया है।

loksabha election banner

गंगोह, रामपुर, इगलास, लखनऊ कैंट, गोविंदनगर, मानिकपुर, प्रतापगढ़, जैदपुर, जलालपुर, बलहा और घोसी सीट में इस बार भाजपा को रामपुर, जलालपुर और जैदपुर सीट गंवानी पड़ी है। पिछली बार सिर्फ रामपुर और जलालपुर ही हाथ से फिसली थी। तब रामपुर सपा और जलालपुर बसपा के पास गईं थीं, लेकिन अबकी बार तीनों सीटों पर सपा का कब्जा हो गया। वह भी तब जब रामपुर छोड़कर किसी भी सीट पर प्रचार के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गए भी नहीं। भाजपा संगठन ने 22 जून से ही सभी सीटों पर सरकार के एक मंत्री और संगठन के एक प्रदेश पदाधिकारी को जिम्मेदारी देकर जीत के लिए अभियान शुरू कर दिया था।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह सभी सीटों पर चुनाव अधिसूचना जारी होने से पहले और बाद में एक-एक बार जरूर गए। राजनीतिक पंडित कहते हैं कि उप चुनाव में सत्ता जिसके हाथ में होती उसे जीत हासिल करने में औरों की अपेक्षा कम मुश्किल होती लेकिन भाजपा इस पैमाने पर भी खरी नहीं उतरी।

सिर्फ सुरेश तिवारी की जीत का अंतर बढ़ा

अगर कैंट क्षेत्र से सुरेश तिवारी की बात छोड़ दी जाए तो कोई भाजपा उम्मीदवार 2017 की जीत के अंतर को पार नहीं कर सका। सुरेश तिवारी ने सपा के मेजर आशीष को 35428 मतों से हराया, जबकि 2017 में यहां रीता बहुगुणा ने सपा की अपर्णा यादव को 33796 मतों से ही हराया था। इस दफा अन्य सीटों के मुकाबले सबसे कम वोटिंग लखनऊ में ही हुई। गंगोह में कांग्रेस के नोमान मसूद जहां 2017 में 38028 मतों से पराजित हुए थे वहीं इस बार उन्हें महज 5419 मतों से ही हार का सामना करना पड़ा।

घोसी सीट किसी तरह जीत सके

इगलास में पिछली दफा भाजपा की जीत का अंतर 74800 था, लेकिन इस बार 25937 मतों की ही जीत मिल सकी। गोविंदनगर में यही स्थिति देखने को मिली। मानिकपुर में भी भाजपा भले जीत गई लेकिन पिछली बार जहां 44464 मतों से जीत हुई थी, वहीं इस बार केवल 12840 मतों से ही जीत मिली। जैदपुर में तो भाजपा के अंबरीश रावत को सपा के गौरव कुमार ने 4165 मतों से हरा दिया। घोसी सीट पर भाजपा उम्मीदवार किसी तरह जीत सके। बलहा में जरूर भाजपा की सरोज सोनकर ने जीत के अनुपात को बरकरार रखा। प्रतापगढ़ में भाजपा की सहयोगी अपना दल एस की जीत का भी अंतर कम हो गया। अपना दल एस के टिकट पर भाजपा ने अपने ही पदाधिकारी को मैदान में उतारा था।

राजभर ने लगाई सेंध

भाजपा की सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी लोकसभा चुनाव से ही भाजपा को झटका दे रही है। पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को पिछले वर्ष योगी सरकार से बर्खास्त कर दिया गया था। पूर्व मंत्री राजभर ने घोसी और जलालपुर में अपने उम्मीदवार उतारे और दोनों जगह करीब 10-10 हजार वोट राजभर के उम्मीदवारों को मिले। भाजपा के किले में यह राजभर की सेंध मानी जा रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.