UP Assembly By-Election Result 2019 : ओवैसी की पार्टी ने दमदार उपस्थिति दर्ज कर विपक्ष में बढ़ा दी बेचैनी
UP Assembly By-Election Result 2019 एक सीट पर ही लड़ी एआइएमआइएम ने न केवल 20 हजार से अधिक वोट बटोरे बल्कि सपा बसपा और कांग्रेस की जीत का गणित भी गड़बड़ा दिया।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 11 सीटों पर हुए उपचुनावों में असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) ने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराकर विपक्षी दलों, खासकर सपा व बसपा की बेचैनी बढ़ा दी है। एक सीट पर ही लड़ी एआइएमआइएम ने न केवल 20 हजार से अधिक वोट बटोरे बल्कि सपा, बसपा और कांग्रेस की जीत का गणित भी गड़बड़ा दिया। इतना ही नहीं, प्रदेश में अल्पसंख्यक वर्ग केंद्रित राजनीति कर रहीं पीस पार्टी जैसे स्थानीय दलों को पीछे धकेल दिया है।
प्रतापगढ़ सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के उम्मीदवार इसरार अहमद को 20,264 मत मिले जो कांग्रेस के नीरज त्रिपाठी को मिले 19715 मत और बसपा के रणजीत सिंह पटेल को प्राप्त 19000 वोटों से ज्यादा थे। इस सीट पर एआइएमआइएम को 13.59 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि उप चुनावों में उसकी कुल हिस्सेदारी 1.04 फीसद वोटों की रही। मुस्लिमों में ओवैसी की लोकप्रियता बने रहने से विपक्ष खासकर सपा व बसपा में बेचैनी है।
प्रदेश में मुस्लिम राजनीति की नब्ज जानने वाले डॉ. नदीम का कहना है कि इन उपचुनावों में सबसे अधिक चौंकाने बात दलित-मुस्लिम समीकरण न बन पाना रहा। बसपा इसी गठजोड़ के सहारे पहली बार उपचुनाव की परीक्षा में उतरी थी, परंतु उसे तवज्जो नहीं मिल सकी। रामपुर सीट पर बसपा उम्मीदवार जुबैर मसूद खान को मात्र 3441 वोट ही मिल पाए। सहारनपुर की गंगोह सीट पर बसपा के मुकाबले कांग्रेस अधिक वोट बटोर ले गई। मुस्लिम वोटरों के इस रुख से बसपा को मिशन-2022 मुश्किल नजर आ रहा है।
सपा की राह भी आसान नहीं
उपचुनाव में समाजवादी पार्टी भले ही तीन सीटों पर विजय पताका फहराकर अपनी पीठ थपथपा रही हो, परंतु मुस्लिमों का वोट एकतरफा न मिल पाने से पार्टी नेतृत्व की धुकधुकी बढ़ी है। घोसी में मुस्लिमों का बड़ी संख्या में बसपा के कयूम अंसारी के साथ चले जाने से सपा समर्थक सुधाकर सिंह को फिर से खाली हाथ रहना पड़ा। गंगोह व कानपुर की गोविंदनगर सीट पर कांग्रेस को सपा से अधिक वोट मिलना भी बदलाव के संकेत माने जा रहे है। जमीयत-उल-कुरैश के अध्यक्ष यूसुफ कुरैशी का कहना है कि 2022 के चुनाव में चौंकाने वाले परिणाम मिलेंगे। मुस्लिम अब स्थानीय दलों के हाथ का खिलौना बनकर नहीं रहेगा।
अस्तित्व बचाने का संकट
2012 के विधानसभा चुनाव में चार सीटें जीतकर चौंकाने वाली पीस पार्टी जैसे दलों का भी संकट बढ़ा है। हालिया उपचुनावों में पीस पार्टी किसी भी सीट पर सम्मानजनक स्थिति दर्ज नहीं करा सकी। प्रतापगढ़ में पीस पार्टी के अब्दुल मतीन मात्र 1612 व घोसी में फैजल अहमद केवल 1952 वोट ही बटोर सके।