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UP Assembly by poll 2019 : हमीरपुर में बसपा पर बढ़त के बाद सपा ने बदली रणनीति, अब तेज होंगे हमले...

हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी अन्य सीटों पर होने वाले 21 अक्टूबर को हो रहे उपचुनावों में आक्रामक अंदाज से उतरेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 07 Oct 2019 09:21 PM (IST)Updated: Mon, 07 Oct 2019 09:22 PM (IST)
UP Assembly by poll 2019 : हमीरपुर में बसपा पर बढ़त के बाद सपा ने बदली रणनीति, अब तेज होंगे हमले...
UP Assembly by poll 2019 : हमीरपुर में बसपा पर बढ़त के बाद सपा ने बदली रणनीति, अब तेज होंगे हमले...

लखनऊ, जेएनएन। हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी अन्य सीटों पर होने वाले 21 अक्टूबर को हो रहे उपचुनावों में आक्रामक अंदाज से उतरेगी। सपा ने अपने तेजतर्रार नेताओं को प्रचार मुहिम में उतारा है। वक्ताओं को सरकार पर हमलावर रहने के साथ अन्य विपक्षी दलों पर भी निशाना साधने को कहा गया है। प्रचार अभियान में जातीय वोट बैंक का ध्यान भी रखा जाएगा। खासकर मुस्लिम व पिछड़ा वर्ग के अलावा दलितों की सहानुभूति बटोरने पर ही जोर रहेगा।

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2022 में उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए उपचुनावों को पूर्वाभ्यास मान रही समाजवादी पार्टी के लिए हमीरपुर उपचुनाव के नतीजे सुकून देने वाले रहे। सपा जीतने में भले ही कामयाब नहीं रहीं, परंतु 2017 में हासिल वोटों में गिरावट अधिक न थी। पहली बार उपचुनाव में उतरी बसपा को तीसरे स्थान पर धकेलने में भी सपा सफल रही। बसपा का दलित मुस्लिम फॉर्मूला भी असरदार साबित न होना भी सपा के लिए शुभ संकेत है।

प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि उपचुनाव बैलेट से कराए जाते तो नतीजे कुछ और होते। उन्होंने दावा किया कि भाजपा से निराश प्रदेश की जनता सपा की ओर देख रही है। 2022 में सपा सरकार बनना तय है। चुनाव प्रचार में सरकार की विफलताओं के अलावा फर्जी एनकाउंटर, आवारा पशुओं से नुकसान और विपक्ष के कार्यकर्ताओं पर फर्जी मुकदमें प्रचार का मुख्य एजेंडा होगा।

बूथ प्रबंधन दिग्गजों के हवाले

चुनाव में अधिकतम मतदान कराने का जिम्मा क्षेत्रीय वरिष्ठ नेताओं को सौंपा गया है। जातिगत वोटों को ध्यान में रखकर ही वक्ताओं की ड्यूटी लगाई जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के अलावा खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नियमित समीक्षा कर रहे हैं। उपचुनाव के चलते ही सपा ने संगठन का पुनर्गठन टाल दिया है। संगठन में केवल बेहतर प्रदर्शन करने वालों को ही स्थान मिल सकेगा।

इन सीटों पर उपचुनाव

लखनऊ कैंट, बाराबंकी की जैदपुर, चित्रकूट की मानिकपुर, सहारनपुर की गंगोह, अलीगढ़ की इगलास, रामपुर, कानपुर की गोविंदनगर, बहराइच की बलहा, प्रतापगढ़, मऊ की घोसी, अंबेडकरनगर की जलालपुर।


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