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यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा- एफपीओ के जरिए किसान भी बन सकेंगे व्यापारी

यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने वैज्ञानिकों की बात किसानों के साथ कार्यक्रम में औद्योगिक विकास दर के मुकाबले कृषि क्षेत्र की विकास दर के बढ़ने का दावा किया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 09:35 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 09:35 PM (IST)
यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा- एफपीओ के जरिए किसान भी बन सकेंगे व्यापारी
यूपी के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा- एफपीओ के जरिए किसान भी बन सकेंगे व्यापारी

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि किसानों को कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) से जुड़कर व्यापारी बनने का अवसर मिलेगा। क्लस्टर खेती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को अधिक लाभ दिलाने के लिए ओडीओपी की तर्ज पर विभिन्न फसलों की ज्यादा पैदावार वाले जिलों में उसी आधार पर बाजार तैयार करने की आवश्यकता है। मंगलवार को 'वैज्ञानिकों की बात किसानों के साथ' कार्यक्रम के पांचवें संस्करण का शुभारंभ करते हुए उन्होंने औद्योगिक विकास दर के मुकाबले कृषि क्षेत्र की विकास दर के बढ़ने का दावा किया।

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योजना भवन में मंगलवार को 'वैज्ञानिकों की बात किसानों के साथ' कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के लगभग एक लाख किसानों ने वैज्ञानिकों से संवाद में भागीदारी की। इस दौरान कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि कोराना के आपदा काल में भी रिकार्ड खाद्यान्न उत्पादन हुआ। मंडी कानून में संशोधन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि एफपीओ के जरिए किसान अपने उत्पाद का मूल्य स्वयं तय कर सकते हैं, जिसका उन्हें सीधा लाभ मिलेगा। कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के शेष लाभार्थी किसानों का डेटा 15 अगस्त तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर कृषि राज्यमंत्री लाखन सिंह राजपूत ने कहा कि किसान जब तक एफपीओ से नहीं जुड़ेंगे, तब तक उन्हें इसके लाभ का अनुमान नहीं होगा। अपर मुख्य सचिव डॉ.देवेश चतुर्वेदी ने फसल अवशेष प्रबंधन जागरूकता का अभियान चलाने पर जोर दिया। निदेशक रहमानखेड़ा डा.वीपी सिंह ने कहा कि सरकार शीघ्र ही किसानों के हित में कृषक उत्पादक संगठन नीति ला रही है।

अपर निदेशक कृषि रक्षा सुनील अग्निहोत्री एवं डॉ.ब्रिजेश मिश्रा ने कीट रोग व टिड्डी नियंत्रण के बारे में जानकारी दी। डॉ.वाईपी सिंह, डॉ.रितेश शर्मा और डॉ.एलआर मीना ने खरीफ फसल प्रबंधन के बारे में बताया। स्वतंत्र रिछारिया ने एफपीओ गठन, संचालन एवं लाभ के बारे में जानकारी दी। इसके अलावा डॉ.वीके वर्मा व डॉ.अर्चना तिवारी ने जैविक तथा प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तार से बताया।


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