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UP News: उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में 13 नई जेलों का होगा निर्माण, बढ़ेगी 37 हजार बंदियों की क्षमता

UP Latest News यूपी की 74 जेलों की क्षमता 62281 बंदियों की है जबकि एक लाख 18 हजार 221 बंदी निरुद्ध हैं। ऐसे में ओवरक्राउडिंग की समस्या को दूर करना आसान नहीं है। इसके लिए नई जेलों के निर्माण के साथ पुरानी जेलों में और बैरकों के निर्माण होंगे।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sat, 20 Aug 2022 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 20 Aug 2022 07:14 AM (IST)
UP News: उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में 13 नई जेलों का होगा निर्माण, बढ़ेगी 37 हजार बंदियों की क्षमता
UP Latest News: वर्ष के अंत तक जिला जेल प्रयागराज व श्रावस्ती होंगी क्रियाशील

UP News: लखनऊ [आलोक मिश्र]। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Government) ने जेल मैनुअल (UP Jail Manual) में बदलाव कर बंदियों की दशा सुधारने की दिशा में बड़ा कदम तो उठाया है, लेकिन जेलों क्षमता के अनुरूप बंदियों को रखे जाने के लिए अभी बड़े प्रयास बाकी हैं। वर्तमान में प्रदेश की 74 जेलों में क्षमता से लगभग दोगुणा एक लाख 18 हजार 221 बंदी निरुद्ध हैं। जेलों की ओवरक्राउडिंग (Overcrowding of jails) का मुद्दा लंबे समय से उठता रहा है और इस समस्या को दूर करने के लिए कसरत जारी है।

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इसी कड़ी में वर्ष के अंत तक जिला जेल प्रयागराज व श्रावस्ती के क्रियाशील करने का लक्ष्य रखा गया है। जिला जेल प्रयागराज में 2688 व श्रावस्ती जेल में 502 बंदियों को निरुद्ध किए जाने की क्षमता होगी। आने वाले वर्षों में प्रदेश की जेलों में 37394 अतिरिक्त बंदियों की क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न कार्य चल रहे हैं। इनके तहत 12 जिलों में 13 और नई जेलों का निर्माण होगा।

उत्तर प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकारी आयोग से लेकर अन्य संगठन समय-समय पर सवाल उठाते रहे हैं। योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था से लेकर उनकी क्षमता बढ़ाने की दिशा में प्रयास शुरू किए थे और तीन नई जेलें बनीं।

इनमें 562 बंदियों की क्षमता वाली जिला जेल संतकबीरनगर, 971 बंदियों की क्षमता वाली जिला जेल अंबेडकरनगर और 1942 बंदियों की क्षमता वाली सेंट्रल जेल बरेली शामिल हैं। वर्तमान में प्रदेश की 74 जेलों की क्षमता 62281 बंदियों की है, जबकि इनमें लगभग एक लाख 18 हजार 221 बंदी निरुद्ध हैं। ऐसे में जेलों में ओवरक्राउडिंग की समस्या को दूर करना आसान नहीं है।

इसके लिए नई जेलों के निर्माण के साथ पुरानी जेलों में और बैरकों के निर्माण होंगे। शहर की घनी आबादी के बीच आ चुकी कानपुर नगर, मुरादाबाद, शाहजहांपुर, जौनपुर, बदायूं, मुजफ्फरनगर, वाराणसी व रामपुर की जेलों को दसरे स्थानों पर स्थानांतरित कराने की प्रक्रिया भी चल रही है। ऐसी जेलों को शहर के बाहर और अधिक बंदियों की क्षमता वाला बनाया जाएगा।

ऐसे बढ़ेगी क्षमता

  • जिला कारागार मथुरा, गोरखपुर, सुलतानपुर व केंद्रीय कारागार वाराणसी में 30 बंदियों की क्षमता वाली 16 बैरक निर्माणाधीन हैं।
  • जिला कारागार फतेहगढ़, रायबरेली, मथुरा, आगरा, गोरखपुर व इटावा में 19 बैरक तथा जिला जेल महाराजगंज, रायबरेली व बिजनौर में उच्च सुरक्षा बैरक का निर्माण होगा।
  • पुराने जिला कारागार बरेली को फिर से चालू कराने का प्रस्ताव है। यहां 2500 बंदियों की क्षमता होगी।

यहां बनेंगी नई जेलें

  • अमेठी, महोबा, हाथरस, कुशीनगर, औरैया, हापुड़, चंदौली, संभल, अमरोहा, शामली व भदोही में एक-एक हजार बंदियों की क्षमता वाली जेलें बनेंगी।
  • ललितपुर में एक हजार बंदियों की क्षमता की जिला जेल व दो हजार क्षमता की सेंट्रल जेल बनेगी।

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