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...जब लखनऊ में जोश भर गए थे मनोहर पर्रिकर, बदल दी थी ब्रिटिशकालीन व्यवस्था

छावनी वासियो की बरसों पुरानी समस्याओं को दूर करने की करी पहल। उनके निर्देश पर ही कैंट बोर्ड मीटिंग के एजेंडे हिंदी में बनने लगे।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 09:46 AM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2019 09:46 AM (IST)
...जब लखनऊ में जोश भर गए थे मनोहर पर्रिकर, बदल दी थी ब्रिटिशकालीन व्यवस्था
...जब लखनऊ में जोश भर गए थे मनोहर पर्रिकर, बदल दी थी ब्रिटिशकालीन व्यवस्था

लखनऊ, [निशांत यादव]। रक्षा मंत्री बनने के बाद मनोहर पर्रिकर ने जहां सेना को मजबूत करने की प्रकिया शुरू की, वहीं देश की सभी 62 छावनियों में रहने वाले आम लोगों की बरसों पुरानी समस्याओं को दूर करने के लिए भी कदम उठाया। म्यांमार में घुसकर आतंकी कैंप को नष्ट करने की भारतीय सेना की बड़ी कार्रवाई के ठीक बाद वे लखनऊ में थे।

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मध्य कमान के सात राज्यों की 25 छावनियों के मुख्य अधिशासी अधिकारियों, कैंट बोर्ड अध्यक्षों और नव निर्वाचित सदस्यों का ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किया। पहली बार इस तरह के कार्यक्रम में मनोहर पर्रिकर ने पूरा समय दिया। समस्या की पड़ताल की और एक नई दिशा के साथ सभी में जोश भर गए। साथ ही पहली बार हिंदी में बोर्ड मीटिंग और उसके एजेंडे बनाने का आदेश उन्होंने लखनऊ से दिया था। यह व्यवस्था कुछ ही दिन में देश भर में लागू की गई।

 

ब्रिटिशकालीन व्यवस्था बदली

दरअसल, मनोहर पर्रिकर कैंट की ब्रिटिशकालीन व्यवस्था को बदलकर एक आसान सिस्टम बनाना चाहते थे। यही कारण है कि रक्षा मंत्री बनते ही उन्होंने सबसे पहले सभी कमान में ये कार्यक्रम करने का निर्णय लिया। तब लखनऊ कैंट बोर्ड को इस कार्यक्रम का जिम्मा सौपा गया। कानपुर रोड के नाबार्ड के सभागार में 12 जून 2015 को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर आये थे। रक्षा मंत्री ने तब छावनी परिषद में आम लोगों की समस्या दूर करने के गुर सिखाए थे। उन्होंने कहा था कि कैंट में ऐसी रोड भी बंद कर दी जाती हैं, जिससे आम लोगो को दिक्कत होती है। घर बनाने के लिए बिल्डिंग बाइलॉज बदलने की भी उन्होंने बात की थी।

लखनऊ कैंट में पीएनजी लाइन के लटके प्रोजेक्ट की फाइल भी उन्होंने तलब की थी। अखिल भारतीय छावनी परिषद महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव व् लखनऊ छावनी परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रतन सिंघानिया का कहना है कि मनोहर पर्रिकर जब लखनऊ आये थे, उनके द्वारा सुझाए गए निर्देशों पर आज भी देश भर में सब निर्वाचित सदस्य अमल कर रहे है। उन्होंने ही प्रसाशन और जनता के बीच की खाई को कम किया था। दानापुर का एक मामला सामने आते ही उन्होंने कहा कि माता जी हमे आपकी समस्या पता है। किसी नागरिक के रास्ते बंद नही किया जा सकते। 

सुरक्षा के बगैर आ गए थे लखनऊ

रक्षा मंत्री होने के बावजूद मनोहर पर्रिकर बिना सुरक्षा के लखनऊ आ गए थे। यहां भीड़ में धक्का-मुक्की के बीच भी उन्होंने सारी बात सुनी। सदस्य रीना सिंघानिया सहित सभी सदस्यों के साथ ग्रुप फोटो खिंचवाए। उनका बैग सदस्य प्रमोद शर्मा से बदल गया। एयरपोर्ट पर उन्होंने अपना बैग वापस मंगवाया।


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