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सीबीआई टीम ने उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता के परिवारीजन व ट्रक मालिक से की पूछताछ

सीबीआइ की टीम ने आज ट्रामा सेंटर पहुंची और पीड़िता के परिवार के लोगों से काफी देर तक पूछताछ की। इस दौरान सीबीआइ की टीम ने मीडिया से दूरी बना कर रखी।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 01 Aug 2019 05:01 PM (IST)Updated: Thu, 01 Aug 2019 05:11 PM (IST)
सीबीआई टीम ने उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता के परिवारीजन व ट्रक मालिक से की पूछताछ
सीबीआई टीम ने उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता के परिवारीजन व ट्रक मालिक से की पूछताछ

लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव दुष्कर्म कांड पीड़िता के परिवार के लोगों के साथ ही रायबरेली में पीडि़ता की कार को टक्कर मारने वाले ट्रक के मालिक से सीबीआइ की टीम ने गुरुवार को पूछताछ की। उन्नाव के दुष्कर्म कांड के साथ रविवार को रायबरेली में दुर्घटना की जांच कर रही सीबीआइ टीम अब काफी तेजी से जांच कर रही है।

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सीबीआइ की टीम ने आज ट्रामा सेंटर पहुंची और पीड़िता के परिवार के लोगों से काफी देर तक पूछताछ की। इस दौरान सीबीआइ की टीम ने मीडिया से दूरी बना कर रखी। सीबीआइ टीम ट्रामा सेंटर में करीब 40-45 मिनट रही। इस दौरान वहां पर खलबली मची रही। इस दौरान करीब एक घंटे अन्य मरीजों व लोगों को बाहर रोका गया। आज उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम भी ट्रामा सेंटर पहुंची और पीड़िता के रिश्तेदारों से भेंट की।

ट्रक मालिक से सीबाइआई ने की पूछताछ, छोड़ा

सीबीआइ की एक टीम ने रायबरेली में दुर्घटना स्थल का मुआयना किया। टीम ने बुधवार को भी वहां पर जाकर लोगों से बात की थी। इसके बाद टीम फतेहपुर चली गई। फतेहपुर में टीम ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की कार को टक्कर मारने वाली ट्रक के मालिक देवेंद्र पाल से पूछताछ की। ट्रक के मालिक को रायबरेली पुलिस ने तीन दिन से अपनी हिरासत में भी रखा था।

सीबीआइ अधिकारियों के निर्देश पर उसको छोड़ दिया गया। इसके बाद घर आए ट्रक मालिक ने बताया कि मंगलवार को सीबीआइ ने गहन पूछताछ कर जो भी जानकारी चाही सब कुछ बता दिया। लांबा (बांदा) की डंपिंग से मरंग लेकर ट्रक रायबरेली गया था। 28 जुलाई को खाली लौट रहा था तभी गुरुबख्सगंज में हादसा हुआ। इस दौरान चालक आशीष पाल से चार बार बात हुई। तीन दिन तक पुलिस हिरासत में रहे देवेंद्र ने कहा सीबीआइ ने पारिवारिक जानकारी भी हासिल की।

नंबर प्लेट में ग्रीस लगाने के सवाल में बताया कि 26 लाख का फाइनेंस ओरेक्स प्राइवेट कंपनी से कराया था, दो किस्तें बकाया होने से गाडी टोचिंग कराने की डर से ग्रीस लगा दिया था। 

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