Move to Jagran APP

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य में उन्नाव अव्वल, बुलंदशहर दूसरे और तीसरे स्थान पर गाजियाबाद

औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का कहना है कि इन विषम परिस्थितियों में राज्य सरकार औद्योगिक गतिविधियों को गतिमान करने के लिए अनेक कदम उठा रही है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2020 10:50 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2020 10:50 PM (IST)
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य में उन्नाव अव्वल, बुलंदशहर दूसरे और तीसरे स्थान पर गाजियाबाद
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में राज्य में उन्नाव अव्वल, बुलंदशहर दूसरे और तीसरे स्थान पर गाजियाबाद

लखनऊ [राज्य ब्यूरो] उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास का और बेहतर माहौल बनाने के लिए योगी सरकार ने जिलों में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रतिस्पर्धा शुरू कराई है। सिंगल विंडो पोर्टल निवेश मित्र पर उद्यमियों के आवेदनों के निस्तारण के आधार पर जारी मई की रैंकिंग में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों ने 'गुड गवर्नेंस' का बेहतर उदाहरण पेश किया है। दो हजार से अधिक आवेदनों वाली श्रेणी में उन्नाव सूबे में अव्वल रहा है तो दो हजार से कम आवेदनों वाली श्रेणी में कौशांबी पहले पायदान पर है।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि उद्यमी-निवेशकों की समस्याओं का तुरंत निस्तारण हो। वह खुद कहें कि उद्योग-कारोबार के लिए यूपी सबसे बेहतर है। इसी क्रम में जिलेवार रैंकिंग की व्यवस्था बनाते हुए मुख्य सचिव आरके तिवारी ने शासनादेश जारी किया था। मई की रैंकिंग बुधवार को अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग ने जारी कर दी।

सिंगल विंडो पोर्टल निवेश मित्र पर उद्यमियों द्वारा अनुमोदन या लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 2,000 से अधिक आवेदन करने वाले जिलों में उन्नाव को 170.97 अंकों के साथ पहला स्थान मिला है। बुलंदशहर (164.42 अंक), गाजियाबाद (161.81 अंक), प्रयागराज (161.26 अंक) और बागपत (160.02 अंक) क्रमश: दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। इस श्रेणी के कुल 23 जिलों की रैंकिंग की गई।

इसी तरह दूसरी श्रेणी वह थी, जहां उद्योग कम हैं और 2000 से कम आवेदन निवेश मित्र पर आए। इस श्रेणी में कौशांबी ने 181.70 अंकों के साथ पहला स्थान, जबकि श्रावस्ती (172.57 अंक), सिद्धार्थनगर (170.81 अंक), फतेहगढ़ (166.39 अंक) और अयोध्या (165.84 अंक) प्राप्त करके क्रमश: दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। इस श्रेणी में 52 जिले थे।

सुधार के लिए यह महत्वपूर्ण कदम : औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का कहना है कि इन विषम परिस्थितियों में राज्य सरकार न केवल औद्योगिक गतिविधियों को गतिमान करने के लिए अनेक कदम उठा रही है, बल्कि व्यापारिक वातावरण में सुधार के लिए पारदर्शी प्रक्रियाओं और तंत्रों की स्थापना के उपाय भी कर रही है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस सुधारों के लिए जिलों की मासिक रैंकिंग एक महत्वपूर्ण कदम है।

तीन मापदंडों पर तय होती है रैंकिंग : प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि तीन मापदंडों के आधार पर जिलों की रैंकिंग की जा रही है। इनमें निवेश मित्र पर प्राप्त उद्यमियों के आवेदनों का निस्तारण, शिकायत निवारण और उपयोगकर्ता का फीडबैक। उन्होंने कहा कि जिन जिलाधिकारियों ने टीम के रूप में अच्छा काम किया, उनके जिलों की रैंकिंग अच्छी आई। रैंकिंग सूची में सबसे नीचे के जिलों की समस्याओं का विश्लेषण कर समाधान किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.