रायबरेली दुर्घटना में घायल पीड़िता के साथ वकील अभी भी वेंटीलेटर पर, हालत नाजुक
रायबरेली में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दुष्कर्म पीड़िता के साथ वकील महेंद्र सिंह ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर यूनिट में अभी भी वेंटिलेटर पर हैं। इनकी हालत यथावत है।
लखनऊ, जेएनएन। रायबरेली में रविवार को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल उन्नाव के माखी गांव की दुष्कर्म पीड़िता की हालत अभी भी जस की तस बनी है। दुष्कर्म पीड़िता के साथ वकील किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर में भर्ती हैं। पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाया जा सकता है। केजीएमयू के चिकित्सकीय बोर्ड ने इस पर सहमति जता दी है।
दुष्कर्म पीड़िता के साथ वकील महेंद्र सिंह ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर यूनिट में अभी भी वेंटीलेटर पर हैं। इनकी हालत यथावत है। केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि दोनों की हालत अभी भी गंभीर है। उन्नाव कांड की पीड़िता और वकील की हालत में अभी भी सुधार नहीं हुआ है। यहां पर दोनों अब भी वेंटीलेटर पर हैं। पीड़िता के शरीर में कई जगह हड्डियां टूटी हैं, साथ ही सीने में भी चोट है। पीड़िता को अभी तक होश नहीं आया है। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. संदीप तिवारी ने पीड़िता के शरीर में कई जगह हड्डियां टूटी हैं, साथ ही सीने में भी चोट है।
पीड़िता का मंगलवार को सीटी स्कैन कराया गया था, लेकिन सिर में कोई चोट फिलहाल नजर नहीं आई थी। इसके बाद भी बावजूद सिर में जख्म से इनकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि बहुत सी सिर की चोटें सीटी स्कैन में नजर नहीं आतीं। अभी भी पीड़िता की हालत स्थिर है और डॉक्टरों की टीम 24 घंटे से उसकी निगरानी कर रही है। अभी भी वह वेंटीलेटर पर है।
इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों से विशेषज्ञ डॉक्टरों को बुलाने की कोई योजना पर उन्होंने कहा कि केजीएमयू के पास विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी नहीं है। अगर जरूरत पड़ी तो हम शहर के दूसरे अस्पतालों संजय गांधी पीजीआई और लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों को भी बुला सकते हैं। उधर गंभीर रूप से घायल वकील को देखने आए उनके ससुर की तबीयत खराब हो गई है। ससुर को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है। उनको भी भर्ती कराया गया है।
दिल्ली ले जाई जा सकती है पीड़िता
पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली ले जाया जा सकता है। केजीएमयू के चिकित्सकीय बोर्ड ने इस पर सहमति जता दी है। बोर्ड का कहना है कि पीडिता को एयरलिफ्ट करना संभव है। केजीएमयू डॉक्टरों के मुताबिक, सीजेआइ ने भर्ती दुष्कर्म पीड़िता के बारे में दो प्रश्न पूछे थे। पहला यह कि पीड़िता को इलाज के लिए क्या दिल्ली एयर लिफ्ट करना संभव है। दूसरा, क्या केजीएमयू में उसका इलाज मुमकिन है। इस पर गुरुवार को ही केजीएमयू प्रशासन ने तुरंत छह सदस्यीय मेडिकल बोर्ड का गठन किया। बोर्ड ने एयर लिफ्ट करने पर सहमति दे दी। वैसे बोर्ड ने पीड़िता का केजीएमयू में भी इलाज मुमकिन बताया है।
कुछ देर के लिए वेंटीलेटर हटा, फिर लगाया
केजीएमयू के मीडिया प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक, पीड़िता का गुरुवार दोपहर में कुछ देर के लिए वेंटीलेटर हटाया गया, मगर हालत बिगड़ने लगी। ऐसे में उसे दोबारा वेंटीलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया। वहीं, घायल वकील को दो-दो घंटे बिना वेंटीलेटर सपोर्ट के रखने का प्रयास किया जा रहा है।
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