Unnao Case: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ने पीड़ित की मां को दिया 25 लाख का चेक
लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी और डीएम कौशलराज शर्मा ने दुष्कर्म पीड़िता की मां को चेक प्रदान किया और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव दुष्कर्म कांड में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार की ओर से पीड़िता के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद दे दी गई है। शासन की ओर से गुरुवार रात में 25 लाख रुपये का चेक लेकर एसएसपी कलानिधि नैथानी और डीएम कौशलराज शर्मा किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने दुष्कर्म पीड़िता की मां को चेक प्रदान किया और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। माना जा रहा है कि सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश मिलने के बाद शुक्रवार को सीआरपीएफ के जवानों को भी पीड़ित परिवार की सुरक्षा में मुस्तैद कर दिया जाएगा।
गुरुवार को उन्नाव दुष्कर्म कांड में जल्द और पूर्ण न्याय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सख्त रुख अपनाने के बाद योगी सरका सक्रिय हो गई है। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह पीड़ुता को 25 लाख रुपए अंतरिम मुआवजा दे। मुआवजे की रकम शुक्रवार को ही पीड़िता की मां को देने का आदेश दिया, लेकिन योगी सरकार ने गुरुवार रात ही दुष्कर्म पीड़िता की मां को चेक दे दिया। सुप्रीम कोर्ट में मामले पर शुक्रवार को फिर सुनवाई होगी।
इलाज से परिवार संतुष्ट : डीएम लखनऊ
लखनऊ डीएम कौशल राज शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की मां को 25 लाख रुपये का चेक सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती पीड़िता और वकील के स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार है। यहां दिए जा रहे इलाज से परिवार संतुष्ट है। बता दें कि रविवार को सड़क दुर्घटना मे उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दुर्घटना से पहले पीड़िता और उसके परिवार ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को चिट्ठी भेज कर अभियुक्तों पर धमकी देने और सुलह के लिए दबाव डालने की शिकायत की गई थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने गुरुवार को विस्तृत आदेश जारी किये।
कोर्ट ने दुर्घटना में घायल पीड़िता और वकील का इलाज कर रहे लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों से पूछा है कि क्या दोनों की हालत ऐसी है कि उन्हें इलाज के लिए दिल्ली स्थानांतरित किया जा सके। कोर्ट को बताया गया कि इसकी जरूरत नहीं है लेकिन फिर भी उन्हें एयर लिफ्ट करके स्थानांतरित करने की स्थिति है। कोर्ट ने दोनों को बेहतर इलाज के लिए स्थानांतरित करने पर पीड़िता और घायल वकील के परिवार की राय पूछी है। राय जानने के बाद कोर्ट इस पर आदेश देगा। कोर्ट ने सीआरपीएफ को आदेश दिया है कि वह पीड़िता उसकी मां और भाई बहनों के अलावा चाचा के परिवार को भी पर्याप्त सुरक्षा दी जाए।
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