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उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की हालत में जरा भी सुधार नहीं, निमोनिया से तेज बुखार

सात दिन से वेंटीलेटर पर इलाज करा रही पीड़िता की हालत नाजुक है। उसे निमोनिया हो गया है। इससे उसे तेज बुखार भी है। उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता अभी भी बेहोश है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 11:52 AM (IST)
उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की हालत में जरा भी सुधार नहीं, निमोनिया से तेज बुखार
उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की हालत में जरा भी सुधार नहीं, निमोनिया से तेज बुखार

लखनऊ, जेएनएन। रायबरेली में सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता की हालत में जरा भी सुधार नहीं है। 28 जुलाई को रायबरेली में घायल होने के बाद से लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती पीड़िता अभी भी वेंटीलेटर पर ही है। दूसरी तरफ पीड़िता के साथ ही दुर्घटना में घायल वकील की हालत में लगातार सुधार हो रहा है।

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सात दिन से वेंटीलेटर पर इलाज करा रही पीड़िता की हालत नाजुक है। उसे निमोनिया हो गया है। इससे उसे तेज बुखार भी है। उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता अभी भी बेहोश है। 28 जुलाई से उसके इलाज में लगी चिकित्सकों की टीम की चिंता बढ़ गई है। 28 जुलाई को रायबरेली में दुर्घटना होने के बाद 28 जुलाई को उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता और वकील को गंभीरावस्था में ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। तब से पीड़िता लगातार वेंटीलेटर पर है,जबकि वकील को शुक्रवार को ही वेंटीलेटर से हटाया गया था। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ट्रामा सेंटर के प्रभारी डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता अब भी वेंटिलेटर पर है। उसे निमोनिया हो गया है। जिससे उसको तेज बुखार आ रहा है। उसका ब्लडप्रेशर नियमित करने की दवा भी दी जा रही है। पीड़िता के गले में छोटा सा छेद करके (ट्रैकियोस्टोमी) ट्यूब से ऑक्सीजन दी जा रही है, उसे अभी तक होश नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जब कोई भी मरीज चार दिन से च्यादा वेंटिलेटर पर रहता है तो उसे ऑक्सीजन देने के लिए ट्रैकियोस्टोमी विधि का इस्तेमाल किया जाता है। इससे पर्याप्त ऑक्सीजन भी मरीज को मिलती रहती है और फेफड़ों आदि की सफाई करने में भी आसानी होती है। यहां पर डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उसकी निगरानी कर रही है।

घायल वकील को वेंटिलेटर से तो हटा लिया गया है लेकिन उसकी हालत अब भी गंभीर है। उन्होंने बताया कि घायल वकील महेंद्र सिंह को वेंटिलेटर से तो हटा दिया गया है, लेकिन उसकी हालत गंभीर है। सिर में चोट लगी है और उसे भी गले में छोटा सा छेद करके (ट्रैकियोस्टोमी) ट्यूब से ही ऑक्सीजन दी जा रही है।

डॉ. तिवारी ने कहा कि कॉलेज के चिकित्सकों का दल पीड़िता और उसके वकील का इलाज करने में पूरी तरह से समर्थ है और केजीएमयू के सबसे अच्छे डाक्टरों की टीम दोनों का इलाज कर रही है। उन्होंने कहा कि रोगियों के परिजन की भी यही इच्छा है कि इन दोनों का इलाज लखनऊ में ही कराया जाएं।  

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