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Unique Wedding in Sitapur: आम संग विवाह बंधन में बंधेगी इमली...उपहार में मिलेगा खुरपा-खाद

Unique Wedding in Sitapur बैलगाड़ी से जाएगी बरात वैदिक मंत्रोच्चार के बीच होंगी वैवाहिक रस्में। 51 बागों में रोपे जाएंगे फलदार पौधे। 11 हजार के करीब पौधे लगेंगे एक गांव में। 1500 के करीब बाग लगेंगे कठिना के आसपास। 50 गांवों के आसपास विकसित होगी फलपट्टी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 06:05 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 02:45 PM (IST)
Unique Wedding in Sitapur: आम संग विवाह बंधन में बंधेगी इमली...उपहार में मिलेगा खुरपा-खाद
Unique Wedding in Sitapur: सीतापुर में करीब 400 लोगों को किया गया अनूठी शादी में कार्ड के जरिये ।

सीतापुर, [गोवि‍ंद मिश्र]। चिरंजीव रसाल (आम) और आयुष्मती इमली के विवाह की शुभ घड़ी आ गई है। 19 सितंबर रविवार को अनंत चतुर्दशी के शुभ मुहूर्त में होने वाले इस अनूठे विवाह के लिए कार्ड बंट चुके हैं। कार्ड में दर्शनाभिलाषी सरकारी विभाग है, तो स्वागतोत्सुक कठिना संरक्षण समिति। कठिना नदी को बचाने की नेक मुहिम के तहत वैदिक रीतिरिवाज से होने वाली यह शादी संस्कृति, सभ्यता और विज्ञान का अद्भुत संगम साबित होगी।

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कठिना नदी को पुनर्जीवित करने के मकसद से शुरू हुआ यह अभियान अब अहम पड़ाव पर पहुंच चुका है। इस अभियान का आगाज कठिना संरक्षण समिति और लोकभारती सीतापुर ने किया था। विभिन्न पड़ावों को पार करते-करते यह कारवां अब काफी बड़ा हो चुका है। कठिना के आसपास बसे गांवों के साथ ही सरकारी विभाग भी इस मुहिम से जुड़ गए हैं।

मुल्लाभीरी बाबा स्मृति वाटिका के बारे में जानिए...

मुल्लाभीरी बाबा स्मृति वाटिका मुस्तफाबाद में आम और इमली के विवाह संग 51 बाग स्थापित हो जाएंगे। 400 जनाती-बराती बैलगाडिय़ों से कार्यक्रम स्थल पहुंचेंगे। 51 दंपती (बाग मालिक व उनकी पत्नी) विवाह की रस्में पूरी कराएंगे। मनोरंजन के लिए 30 बैलों के बीच दौड़ होगी। बैलों की सेहत भी जांची जाएगी। वहीं, अतिथियों को पत्तल पर दही-बड़ा, चावल, कांड़ा (उड़द की धुली दाल) के अलावा सब्जी और बूंदी भी परोसी जाएगी। कुल्हड़ में पानी दिया जाएगा। परंपरागत वाद्य यंत्र भी बजेंगे। अंत में इमली को विदा कर बाग में रोपा जाएगा। उपहार में खुरपा, खाद के अलावा स्प्रेयर मशीन दी जाएगी।

बाग में लगेंगे ये पौधे : आम, इमली, अमरूद और नींबू

विष मुक्त, जल रहित फसलों की ओर प्रस्थान

'हम सब विष मुक्त, जल रहित फसलों की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। कठिना के किनारे फलपट्टी विकसित होने से कई फायदे होंगे। बाग लगने से पानी का खर्च कम होगा। फलदार पेड़ों से किसान समृद्ध होंगे और कठिना पुनर्जीवित हो जाएगी। पहले गांव में 51 बागों में 11 हजार पौधे लग चुके हैं। हमारी योजना कठिना के आसपास 1500 बाग लगाने की है।'    -कमलेश सि‍ंह, जिला संयोजक लोकभारती

पर्यावरण संतुलन बना रहेगा : कृषि वैज्ञानिक

हमारी सभ्यता और संस्कृति का जुड़ाव विज्ञान से भी रहा है। आम और इमली के आसपास होने से पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती मिलेगी। इससे पर्यावरण संतुलन बना रहेगा।    -डा. डीएस श्रीवास्तव, प्रभारी अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र कटिया


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