अब नहीं चलेगी सीता के आधार पर गीता की गड़बड़ी, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने जारी की एडवाइजरी
Lucknow News कौशांबी में सीता गीता प्रकरण के बाद भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने जारी की एडवाइजरी। प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक आधार की सत्यता जानने के लिए आधार पर उपलब्ध क्यूआर कोड को स्कैन किया जाना चाहिए।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। फिल्म सीता और गीता की तरह ही भ्रमित करने वाली पहचान ने कौशांबी में हुए एक प्रकरण के बाद लखनऊ तक अधिकारियों को हैरान कर दिया। जांच हुई तो पता चला कि असली आधार कार्ड तो सीता देवी को जारी किया गया था। उनके किसान सम्मान निधि को अपने खाते में लेने वाली गीता देवी ने जिस आधार कार्ड नंबर से बैंक खाता खुलवाया, उसे फोटोशाप करके बनाया गया था।
सीता के आधार नंबर पर गीता ने अपनी फोटो और अपना ही पता दर्ज कराते हुए उससे सीता की किसान सम्मान निधि हासिल की थी। गुरुवार को प्राधिकरण ने जांच की तो पता चला कि सीता का ही आधार कार्ड असली है। अब प्राधिकरण ने असली-नकली के इस खेल को पकड़ने के लिए एडवाइजरी जारी की है।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की एडवाइजरी
प्राधिकरण ने अपनी एडवाइजरी में बताया है कि आधार की सत्यता जानने के लिए आधार पर उपलब्ध क्यूआर कोड को स्कैन किया जाना चाहिए। प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को आधार हेतु नामांकन केवल एक बार कराना होता है और डी-डुप्लीकेशन प्रणाली के जरिए विशिष्टता प्राप्त की जाती है। डी-डुप्लीकेशन के बाद केवल एक ही आधार सृजित किया जाता है।
क्यूआर कोड की जानकारी सुरक्षित और टैंपर प्रूफ
एक व्यक्ति को जो आधार संख्या उसके बायोमीट्रिक और डेमोग्राफिक को दर्ज करने के बाद आवंटित होता है, वो आधार संख्या किसी और व्यक्ति को दोबारा आवंटित नहीं की जा सकती है। आधार कार्ड की वैधता की जांच आधार पर बने क्यूआर कोड को स्कैन करके हो सकती है। क्यूआर कोड स्कैन करते ही डेमोग्राफिक जानकारी के साथ-साथ आधार संख्या धारक की फोटो भी सामने होगी। क्यूआर कोड में दी गई जानकारी सुरक्षित और टैंपर प्रूफ है। आधार क्यूआर कोड स्कैनर एम- आधार एप, गूगल प्ले स्टोर और आइओएस पर उपलब्ध है।