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सहकारिता क्षेत्र को रफ्तार दिलाने के लिए लाखनऊ में आज से मंथन, गृह मंत्री अमित शाह करेंगे उद्घाटन

देश में सहकारिता क्षेत्र को तेजी से गतिमान करने के लिए विचार मंथन होने जा रहा है। इसका माध्यम बनेगा सहकार भारती जो लंबे समय से सहकारिता को बढ़ाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। संगठन का सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन शुक्रवार से लखनऊ के राजकीय पालीटेक्निक में शुरू हो रहा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Thu, 16 Dec 2021 10:25 PM (IST)Updated: Fri, 17 Dec 2021 07:49 AM (IST)
सहकारिता क्षेत्र को रफ्तार दिलाने के लिए लाखनऊ में आज से मंथन, गृह मंत्री अमित शाह करेंगे उद्घाटन
लखनऊ में केंद्रीय सहकारिता व गृह मंत्री अमित शाह सहकार भारती के सातवें राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन करेंगे।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। Sahakar Bharati National Conference in Lucknow: देश में सहकारिता क्षेत्र को तेजी से गतिमान करने के लिए विचार मंथन होने जा रहा है। इसका माध्यम बनेगा सहकार भारती, जो लंबे समय से सहकारिता को बढ़ाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। संगठन का सातवां राष्ट्रीय अधिवेशन शुक्रवार से लखनऊ के राजकीय पालीटेक्निक में शुरू हो रहा है। तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय सहकारिता व गृह मंत्री अमित शाह करेंगे और विशिष्ट अतिथि होंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।

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देशभर से जुटने वाले संगठन के सैकड़ों पदाधिकारी व सहकारीजन के बीच नई सहकारी नीति के मसौदे व अन्य जरूरी नीतियों पर विचार-विमर्श होगा। सहकार भारती के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मराठे जो इस समय भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के निदेशक होने के साथ ही राष्ट्रीय आवासीय बैंक (एनएचबी) के निदेशक मंडल के सदस्य हैं ने बताया कि देश की सहकारी नीति दो दशक पुरानी है। इसमें कुछ अनुपयोगी हो चुके नियमों व बिंदुओं को हटाया जाना जरूरी है, इसीलिए नेशनल कोआपरेटिव पालिसी पर विस्तृत चर्चा की जाएगी और नई पालिसी का मसौदा तैयार कर सरकार से उसे लागू करने की मांग की जाएगी।

उन्होंने बताया कि एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, बैंकिंग-फाइनेंस, उद्यमिता के सेक्टर में बढ़ते स्कोप को देखते हुए उसमें सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए नेशनल कोआपरेटिव ट्रेनिंग एंड कैपेसिटी बिल्डिंग पालिसी के निर्माण पर बात होगी, ताकि इन क्षेत्रों में कुशल सहकारी जन तैयार हो सकें। ऐसे ही एग्रो प्रोसेसिंग व फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्रों के बढ़ते दायरे को देखते हुए इनके लिए पालिसी बनाए जाने की मांग की जाएगी। कोआपरेटिव को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) का दर्जा दिए जाने की मांग भी अधिवेशन में उठाई जाएगी, क्योंकि इसके बिना वर्तमान में सहकारिता का कोई औचित्य और लाभ नहीं है। दो माह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 64 हजार करोड़ के बजट वाला प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएमएबीएचआइएम) लांच किया है। इस सेक्टर में सहकारिता को बढ़ाने की योजना बनाने के साथ मैन्युफैक्चरिंग, इंश्योरेंस-म्यूचुअल फंड सेक्टर में कोआपरेटिव के विस्तार की भूमिका बनेगी।

अधिवेशन का ये चार सूत्रीय एजेंडा : सातवां अधिवेशन चार सूत्रीय एजेंडे के साथ आयोजित हो रहा है। ये चार बिंदु नई नेशनल कोआपरेटिव पालिसी पर मंथन, नेशनल कोआपरेटिव ट्रेनिंग एंड कैपेसिटी बिल्डिंग पालिसी पर चर्चा, एग्रोप्रोसेसिंग व फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए पालिसी बनाए जाने और कोआपरेटिव को एमएसएमई का दर्जा दिये जाने की मांग व मैन्युफैक्चरिंग, इंश्योरेंस-म्यूचुअल फंड के क्षेत्रों में भी कोआपरेटिव बनाए जाने का रोडमैप तैयार होगा।

नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का होगा गठन : सहकार भारती के प्रदेश प्रचार प्रमुख सचिन शुक्ल ने बताया कि संगठन का राष्ट्रीय अधिवेशन हर तीन वर्ष पर होता है। जिसमें नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा के साथ नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी तैयार किया जाना शामिल है। इसी कार्यक्रम में प्रदेश के भी नए पदाधिकारी घोषित होंगे।


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