अघोषित फतवाः राहुल की अमेठी में एक गांव ऐसा जहां नहीं है एक भी टेलीविजन
गांव में टीवी न रखने के पीछे वजह भी दिलचस्प है। गांव के बुजुर्गों के अनुसार टीवी इसलिए नहीं रखते कि इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। इस्लाम में उन बातों की मनाही है।
अमेठी [अभिषेक मालवीय]। एक तरफ जहां देश मंगल ग्रह पर पानी खोज रहा है, वहीं हाईप्रोफाइल जिला अमेठी में एक गांव ऐसा भी है जहां एक भी टेलीविजन नहीं है। ऐसा नहीं की इस गांव के लोग टेलीविजन खरीद नहीं सरते। सुविधाएं पूरी हैं, बावजूद इसके उनका टीवी न रखना दीनी और मजहबी मामला बन गया है। आलम यह है कि देश दुनिया की खबरें जानने के लिए चाय-पान की दुकानों पर समाचार पत्रों के लिए सुबह अच्छी भीड़ लगती है।
जिला मुख्यालय से महज सात किलोमीटर दूर गौरीगंज-अठेहा मार्ग पर ऐंठा गांव है। गांव में पढ़े लिखे लोगों की संख्या अच्छी खासी है। गांव में मजहबी तालीम के लिए मदरसा भी संचालित है। यहां उर्दू के साथ ही हिंदी भी पढ़ाई जाती है। विकास और जरूरी संसाधन भी गांव में हैं। बिजली, सड़क, पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं बेहतर हैं। यहीं नहीं अधिकतर घरों में इलेक्ट्रानिक वस्तुएं, फ्रिज, कूलर भी है, बस टीवी नहीं है।
बात मजहब से जुड़ी होने के चलते टेलीविजन, तमाशा और फिजूलखर्ची से लोग बचते हैं। शादी-विवाह समारोह भी बिना बैंडबाजा व तमाशा के ही संपन्न कराए जाते हैं। गांव के 65 लोग तो विदेश में रहकर पैसा कमा रहे हैं। इतना सब कुछ होने के बाद भी गांव में एक भी टेलीविजन का न होना चौकाने वाला सच है।
यह है वजह
गांव में टीवी न रखने के पीछे वजह भी दिलचस्प है। गांव के बुजुर्गों के अनुसार टीवी इसलिए नहीं रखते कि इससे बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा। इस्लाम में उन बातों की मनाही है, जो समाज पर गलत प्रभाव डालते हैं। युवा इसे परंपरा से जोड़ कर देखते है। उनका कहना है कि जब बड़े बुजुर्ग नहीं चाहते तो हम क्यों जिद करें। दिलचस्प बात तो यह है कि गांव में स्मार्ट फोन धारकों की तदाद काफी ज्यादा है।
परंपरा को कैसे तोड़ सकते हैं
मदरसा के प्रधानाचार्य मो. नईम बताते हैं कि देश दुनिया की जरूरी जानकारी अखबार पढ़कर मिल ही जाती है। इसके अतिरिक्त और क्या चाहिए। गांव के मो. इरफान कहते हैं कि आज के समय में टेलीविजन से लेकर इंटरनेट सभी जरूरी है लेकिन, बात मजहब से जुड़ी है और यह एक परंपरा सी चल निकली है तो हम कैसे तोड़ सकते हैं। मोहम्मद जमा ने बताया कि शादियों में भी तोहफे में न तो टीवी ली जाती है और न ही दी जाती है। ग्राम प्रधान मो. शमीम का कहना है कि शुरुआत से ही गांव में यह नियम बना है, जिसका सभी पालन कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल
जिला : अमेठी
गांव : ऐंठा
आबादी : 1649
घर : 110
साक्षरता दर : 50 प्रतिशत
विद्यालय : दो (प्राथमिक विद्यालय व प्राइवेट मदरसा)