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UP Health News: आयुष्मान भारत योजना में गंभीर रोगों से पीड़ित तीन लाख गरीबों को कारपोरेट अस्पतालों में मिला इलाज

Ayushman Bharat Yojana आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना गरीबों के लिए संजीवनी बनी। इस योजना के तहत यूपी के तीन लाख गरीबों का मुफ्त में उपचार कराया गया। बता दें क‍ि बीते चार साल में 14 लाख मरीजों ने इस योजना का लाभ उठाया है।

By Prabhapunj MishraEdited By: Published: Thu, 22 Sep 2022 12:25 PM (IST)Updated: Thu, 22 Sep 2022 12:25 PM (IST)
UP Health News: आयुष्मान भारत योजना में गंभीर रोगों से पीड़ित तीन लाख गरीबों को कारपोरेट अस्पतालों में मिला इलाज
Ayushman Bharat Yojana: यूपी में तीन लाख गरीबों को कारपोरेट अस्पतालों में मिला इलाज

लखनऊ, आशीष त्रिवेदी। Ayushman Bharat Yojana बाराबंकी के अमर सिंह की किडनी धीरे-धीरे खराब होने लगी थी। वह क्रोनिक किडनी डिजीज से पीड़ित थे और आगे किडनी फेल होने का भी खतरा था। परिवार के लिए बामुश्किल दो जून की रोटी जुटा पा रहे अमर सिंह के लिए ढाई लाख रुपये का जुगाड़ करना सपने जैसा था।

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फिर इनकी जिंदगी में नई रोशनी बनकर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) आई। इनका निजी अस्पताल में इलाज (Treatment) हुआ और अब यह ठीक हैं। ऐसे ही राजेश कुमार के लिए भी यह योजना संजीवनी साबित हुई। सिर्फ यही नहीं यूपी में ऐसे तीन लाख गरीब जो किडनी व कैंसर जैसे गंभीर रोगों से ग्रस्त थे उनका उपचार बड़े कारपोरेट अस्पतालों में कराया जा चुका है।

स्टेट एजेंसी फार कांप्रिहैंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (सांचीज) की सीईओ संगीता सिंह कहती हैं कि गंभीर रोगियों का जिन बड़े नामी अस्पतालों में इलाज करवाया गया उनमें टाटा मेमोरियल अस्पताल, मेदांता अस्पताल, सहरा अस्पताल अपोलो जैसे बड़े कारपोरेट अस्पतालों के साथ-साथ सुपर स्पेशियलिटी इलाज की सुविधा वाले बड़े सरकारी संस्थानों पीजीआइ चंडीगढ़ व एम्स नई दिल्ली भी शामिल है।

यूपी द्वारा 3,082 अस्पताल (Hospital) इस योजना से अब तक जोड़े जा चुके हैं। प्रदेश में 1.73 करोड़ परिवारों के 7.65 करोड़ लोग इस योजना के लाभार्थी हैं। वर्ष 23 सितंबर 2018 में यह योजना प्रदेश में लागू की गई और चार वर्षों में मरीजों को बेहतर उपचार की सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया। बड़े कारपोरेट अस्पतालों को जोड़ने की मुहिम तेजी से चलाई जा रही है।

अब इस योजना से किडनी व कार्निया ट्रांसप्लांट की सुविधा भी मरीजों के लिए शुरू कर दी गई है। अभी तक कुल 14 लाख मरीजों के उपचार पर 800 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत एक वर्ष में एक परिवार को पांच लाख रूपये तक के निश्शुल्क उपचार की सुविधा दी जाती है।


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