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Corona Vaccination News: उमीफेनोविर अभी और कराएगी इंतजार, लखनऊ में चल रहा है क्लीनिकल ट्रायल

सीएसआइआर-सीडीआरआइ द्वारा विकसित यह दवा कोरोना के इलाज में होगी प्रभावी। इस एंटीवायरल मेडिसिन का अगले माह तक ट्रायल पूरे होने की है उम्मीद। मौजूदा एंटीवायरल दवाओं के मुकाबले 10 गुना सस्ती होने की वजह से लोगों को इससे बड़ी उम्मीदें हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 08:30 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 08:30 AM (IST)
Corona Vaccination News: उमीफेनोविर अभी और कराएगी इंतजार, लखनऊ में चल रहा है क्लीनिकल ट्रायल
लखनऊ के केजीएमयू और लोहिया संस्थान में चल रहा है उमीफेनोविर का क्लीनिकल ट्रायल।

लखनऊ, जेेेेेेेएनएन। सीएसआइआर-सीडीआरआइ द्वारा विकसित देशज एंटीवायरल दवा उमीफेनोविर को कोरोना के उपचार में प्रभावी माना जा रहा है, लेकिन इसके लिए अभी और इंतजार करना होगा। राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में चल रहे परीक्षणों के अगले माह तक पूरा होने की उम्मीद है। सीडीआरआइ के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित इस एंटीवायरल दवा के क्लीनिकल ट्रायल जून में शुरू हुए थे। केजीएमयू, लोहिया संस्थान व एरा मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल ट्रायल किए जा रहे हैं। 

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बाजार में उपलब्ध मौजूदा एंटीवायरल दवाओं के मुकाबले उमीफेनोविर लगभग 10 गुना सस्ती होने की वजह से लोगों को इससे बड़ी उम्मीदें हैं। कोरोना महामारी से जंग में दवा की कमी न रह जाए, इसलिए सीडीआरआइ द्वारा औषधि निर्माण की प्रौद्योगिकी भी हस्तांतरित कर ली गई थी, लेकिन ट्रायल में उम्मीद से ज्यादा समय लगने के कारण फिलहाल इस देशज एंटीवायरल दवा का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। हैरानी यह है कि भारत सहित दुनिया भर के वैज्ञानिकों द्वारा रिकॉर्ड समय में कोरोना की वैक्सीन तैयार कर लांच कर दी गई, लेकिन उपचार में अत्यंत प्रभावी पाई गई यह सस्ती दवा लोगों की पहुंच से अब भी दूर है। 

रूस व चीन में इनफ्लुएंजा के इलाज में प्रयोग की जाने वाली यह दवा फिलहाल भारत में उपलब्ध नहीं है। लिहाजा, संस्थान ने स्वदेशी तकनीक भी विकसित की, जिससे दवा के लिए आत्मनिर्भर बन सकें। केजीएमयू के डॉ.डी.हिमांशु और लोहिया अस्पताल के डॉ.विक्रम ङ्क्षसह बताते हैं कि परीक्षण अगले माह तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद जो डाटा आएगा उसका विश्लेषण किया जाएगा। परीक्षण मरीजों पर किया जाता है, इसलिए इसमें थोड़ा समय लग रहा है। वहीं संक्रमण कम हो जाने के कारण मरीजों की संख्या भी कम हो गई है। इसलिए भी वक्त लग रहा है, लेकिन जैसे ही परीक्षण के लिए मरीजों की तय गिनती पूरी होती है, विश्लेषण शुरू दिया जाएगा। मरीजों में प्रभाव का मूल्यांकन पूरा होते ही दवा का निर्माण शुरू कर देंगे, ताकि कोविड-19 से लडऩे के लिए उमीफेनोविर जैसी सस्ती एंटीवायरल दवा बाजार पहुंच सके।  


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