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यूपी सरकार के दो साल : टूटे कई रिकाॅर्ड, सबको साधने के प्रयास

उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने आज दो साल पूरे कर लिये हैं। इस अवधि में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई रिकार्ड तोड़े।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 18 Mar 2019 10:15 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 08:41 AM (IST)
यूपी सरकार के दो साल : टूटे कई रिकाॅर्ड, सबको साधने के प्रयास
यूपी सरकार के दो साल : टूटे कई रिकाॅर्ड, सबको साधने के प्रयास

लखनऊ, जेएनएन : सूबे की भाजपा सरकार ने आज दो साल पूरे कर लिये हैं। इस अवधि में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई रिकार्ड तोड़े। राज्यपाल राम नाईक ने प्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे जाने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अभिनंदन करते हुए बधाई दी है। नाईक ने 19 मार्च को योगी समेत मंत्रिमंडल के सदस्यों को शपथ दिलाई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा समेत कई प्रमुख लोग आज अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाएंगे। 

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दो वर्ष की अवधि पर नजर डालें तो योगी ने अयोध्या जाकर दीपोत्सव का रिकार्ड बनाया तो आगरा जाकर ताजमहल की स्वच्छता के लिए भी बेहतर पहल की। मिथक तोड़ने के लिए बार-बार नोएडा गए। इस दौरान सरकार ने विभिन्न योजनाओं के जरिये किसानों, युवाओं, महिलाओं और उद्यमियों को भी साधने की पहल की। भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए ई-टेंडरिंग से व्यवस्था को पारदर्शी बनाया। लगातार संदेश दिया कि कानून का राज उनके लिए सर्वोपरि है।

इसके साथ ही अयोध्या, काशी, मथुरा और प्रयागराज में कुंभ के भव्य और दिव्य आयोजन से अपने धार्मिक एजेंडे को भी धार दिया। 86 लाख लघु-सीमांत किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दिया। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान, गन्ने की रिकार्ड खरीद और भुगतान, बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत पहली बार आलू की खरीद का रिकार्ड भी योगी सरकार के खाते में है।

दो वर्ष में ढाई लाख से अधिक नौकरियां

युवाओं को रोजगार सरकार की प्राथमिकता रही हैं। जोर कौशल विकास के जरिये स्वावलंबन पर रहा। केंद्र की योजनाओं के अलावा प्रदेश स्तर पर विश्वकर्मा श्रम सम्मान, माटी कला बोर्ड, एक जिला, एक उत्पाद जैसी योजनाओं के जरिये यह क्रम जारी है। इसके अलावा सरकारी क्षेत्र में भी ढ़ाई लाख नौकरियां दी गईं।

निवेश के मोर्चे पर बड़ी उपलब्धि

निवेश, रोजगार से ही जुड़ा पहलू है। निवेश का माहौल बने इसके लिए कानून-व्यवस्था, बेहतर नीति और बुनियादी संरचना पर जोर दिया। नई औद्योगिक नीति आई। फरवरी-2018 में यहां हुए इन्वेस्टर्स समिट में 4.68 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों में औद्योगिक घरानों के एमओयू हुए।

पादर्शिता से बढ़ी आय

पारदर्शिता के लिए ई-टेंडरिंग और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के कारण राजस्व बढऩे से सरकार की आय में भी खासी वृद्धि हुई। वैट अब जीएसटी से मिलने वाला राजस्व 49000 करोड़ से बढ़कर 75000 करोड़ हो गया।

पहला झटका था उपचुनाव की हार

इस दौरान चुनौतियां भी आईं और सरकार को झटका भी लगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के संसदीय क्षेत्र क्रमश: गोरखपुर और फूलपुर, कैराना व नूरपुर के उपचुनावों की हार सरकार के लिए बड़ा झटका था। गोरखपुर मेडिकल कालेज में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत, विधानसभा का टीइटीएन प्रकरण, कासगंज, बुलंदशहर और हमीरपुर जैसी सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं, नौकरशाही के रवैया सरकार के लिए चुनौतियां भी रहीं।


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