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UP: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का करीबी बता लोकभवन में घुस रहे थे दो संदिग्ध, पुलिस ने दबोचा

खुद को केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का करीबी बताकर लोकभवन में घुसने की कोशिश कर रहे दो संदिग्धों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से एक विधान भवन का पास मिला है। जांच में पता चला कि पास की अवधि समाप्त हो चुकी है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 01:58 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 03:28 PM (IST)
UP: केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का करीबी बता लोकभवन में घुस रहे थे दो संदिग्ध, पुलिस ने दबोचा
आरोपितों के खिलाफ आरआइ लोकभवन ने हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। खुद को केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर का करीबी बताकर लोकभवन में घुसने की कोशिश कर रहे दो संदिग्धों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से एक विधान भवन का पास मिला है। जांच में पता चला कि पास की अवधि समाप्त हो चुकी है। पूछताछ में दोनों आरोपितों का फर्जीवाड़ा सामने आया है।

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एसीपी हजरतगंज राघवेंद्र कुमार मिश्र के मुताबिक केंद्रीय मंत्री का करीबी बताकर लोकभवन में प्रवेश करने के आरोप में पंकज गुप्ता और मजहर अजीद फारुखी को गिरफ्तार किया गया है। दोनों पारा के काशीराम कॉलोनी के रहने वाले हैं। आरोपितों के खिलाफ आरआइ लोकभवन ने एफआइआर दर्ज कराई है। आरोपितों ने एक कागज दिखाते हुए लोक भवन के सुरक्षाकर्मियों को गुमराह किया था। आरोपितों ने कहा था कि वे केंद्रीय मंत्री की सिफारिश पर एक मामले की पैरवी में आए हैं। छानबीन में दोनों की गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत हुई। इसके बाद लोक भवन के सुरक्षाकर्मियों ने हजरतगंज पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने दोनों आरोपितों से पूछताछ की तो फर्जीवाड़ा सामने आया। हालांकि, केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा-व्यवस्था पहले से ही काफी मुस्तैद है। 

पहले भी सुरक्षा में सेंध की हुई थी कोशिश, सचिवालय में ठगों ने किया था फर्जीवाड़ाः इससे पहले भी लोक भवन की सुरक्षा में सेंध की कोशिश की गई थी। तब सुरक्षाकर्मियों ने फर्जी समीक्षा अधिकारी को गिरफ्तार किया था। आरोपित के पास से सचिवालय का फर्जी आइकार्ड भी मिला था। आरोपित ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से फर्जीवाड़ा भी किया था। छानबीन के दौरान हजरतगंज पुलिस ने अंबेडकरनगर के टांडा निवासी प्रेम सागर को गिरफ्तार किया था। इससे पहले सचिवालय की सुरक्षा में भी सेंधमारी की गई थी। सचिवालय में बिना पास के बेरोकटोक प्रवेश करने वाले गिरोह ने भी टेंडर दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा किया था। पशुपालन विभाग में टेंडर के नाम पर करोड़ों की ठगी इसका ताजा उदाहरण है।


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