सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो जवान गिरफ्तार, ऐसे फंसते थे जाल में
मेडिकली फिट कराने के नाम पर वसूलते थे रुपये। एसटीएफ ने सेना के दोनों जवानों को छोटी लाल कुर्ती नाला से किया गिरफ्तार।
लखनऊ, जेएनएन। सेना भर्ती में मेडिकल अनफिट अभ्यर्थियों को फिट और भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले सेना के दो जवानों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। इन जवानों के पास से अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र सहित कई दस्तावेज बरामद हुए हैं।
मध्य कमान मुख्यालय में तैनात रोहित कुमार पांडेय मूल रूप से प्रतापगढ़ का है। वह सेना की संजोग क्षेत्री विहार कॉलोनी में, वहीं नौ राजपूत रेजीमेंट का जवान रंजीत सिंह छावनी स्थित बेस अस्पताल मार्ग पर रहते हैं। दोनों बेस अस्पताल में मेडिकल के लिए आने वाले युवाओं को अपना निशाना बनाते थे। पिछले दिनों खलीलाबाद निवासी दिनेश चौहान से उनकी मुलाकात हुई। दिनेश ने बीआरओ अमेठी में पिछले साल अक्टूबर में आयोजित भर्ती रैली में हिस्सा लिया था।
अस्थायी अनफिट होने पर वह रिमेडिकल कराने बेस हॉस्पिटल आया था। यहां रोहित पांडेय व रंजीत सिंह ने दिनेश चौहान से मेडिकल में पास कराने व भर्ती कराने के लिए चार लाख रुपये की मांग की। दिनेश ने अपने मूल दस्तावेज व 1.69 लाख रुपये दे दिए। दिनेश मेडिकल में पास हो गया। मेरिट मे नाम आने पर दोनों जवान बाकी रुपयों की मांग करने लगे। रुपये न देने पर मूल प्रमाण पत्र न देने की धमकी दी। इस पर दिनेश ने लखनऊ कैंट थाने में मामला दर्ज कराया। पुलिस ने एसटीएफ को भी इसकी जानकारी दी।
एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह व उप निरीक्षक शिवनेत्र सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने छोटी लाल कुर्ती नाला के पास से रोहित पांडेय व रंजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
ये हुई बरामदगी
दोनों के पास से चार मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, सेना भर्ती का प्रवेश पत्र, हाईस्कूल व इंटर की अंक तालिका, जाति/निवास प्रमाण पत्र, आर्मी कैंटीन स्मार्ट कार्ड व बिना नंबर की सफारी बरामद हुई।
ऐसे बनाते थे निशाना
पूछताछ में दोनों आरोपितों ने बताया कि लखनऊ व बीआरओ अमेठी की रैली में अस्थायी रूप से मेडिकल अनफिट अभ्यर्थी बेस और कमांड अस्पताल आते हैं। उस समय दोनों अस्पताल के आसपास रहकर इन अभ्यर्थियों पर नजर रखते हैं। इन अभ्यर्थियों को मेडिकल में पास कराने की बात कहते हैं। इसमें कुछ अभ्यर्थी जब खुद पास हो जाते थे, उनको कहा जाता था कि हमने ही आपको मेडिकल फिट कराया है। साथ ही भर्ती भी करा देंगे। दोनों आरोपित अभ्यर्थियों से उनके मूल प्रमाण पत्र व कुछ रुपये ले लेते थे। बाकी रुपये मेरिट में नाम आने के बाद लेते थे। जिनका नाम मेरिट में नहीं आता उनको अगली बार भर्ती कराने की बात कह कर कुछ रुपये लेकर मूल दस्तावेज वापस कर देते थे।