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इंदिरा नहर में बोरियों से बनाए जा रहे दो अस्थाई डैम

नोट फोटो पंकज ने की है ----------- -एक लाख बोरियां और एक दर्जन जनरेटर लगाए गए -प्ला

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jan 2018 09:16 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jan 2018 09:16 PM (IST)
इंदिरा नहर में बोरियों से बनाए जा रहे दो अस्थाई डैम
इंदिरा नहर में बोरियों से बनाए जा रहे दो अस्थाई डैम

नोट फोटो पंकज ने की है

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-एक लाख बोरियां और एक दर्जन जनरेटर लगाए गए

-प्लास्टिक की पाइप के सहारे गोमती में डाला जा रहा पानी

जागरण संवाददाता, लखनऊ: इंदिरा डैम में लीकेज के बाद अब उसे दुरुस्त करने की कवायद शुरू हो गई है। क्षतिग्रस्त डैम के एक किमी के क्षेत्र में एक लाख लीकेज प्रूफ बोरियों में मिट्टी भरकर दो अस्थाई डैम बनाए जा रहे हैं। हालांकि इस पानी को रोकने और फिर उसे क्षेत्र के पानी को खाली करने की चुनौती भी अधिकारियों के सामने मुंह बाए खड़ी हैं।

शारदा नहर से इंदिरा नहर में पानी की आपूर्ति भले ही रोक दी गई हो, लेकिन 19 किमी लंबाई में नहर में ढाई मीटर ऊंचाई तक पानी भरा हुआ है। एक दर्जन से जनरेटर और पाइप के सहारे पानी को डैम से निकाल कर गोमती में डालने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। अधिकारियों के साथ ही करीब डेढ़ से दौ सौ मजदूर दिनरात डैम को दुरुस्त करने में लगे हैं।

डैम की क्षतिग्रस्त हुई सील

इंदिरा डैम के निर्माण के समय ही ज्वाइंट में रबर की सील लगाई गई थी। सील के ऊपर तांबे की चादर और फिर लोहे की चादर के बाद सील प्रूफ केमिकल लगाया गया था। साढ़े छह मीटर गहरे पानी में सील का लीकेज होने की पड़ताल क्यों नहीं हो सकी? जबकि हर साल लीकेज की जांच की जाती है और नहर की सफाई होती है तो इसका क्यों नहीं चल सका? ऐसे कई सवालों का जवाब सिंचाई विभाग के अधिकारी तलाशने में लगे हुए हैं।

गिट्टी और मिट्टी से डैम का पिलर किया गया सुरक्षित

पांच दिन पहले लीकेज की सूचना के बाद सबसे पहले सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने लीकेज के पास के डैम के पिलर को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए पांच ट्रक पत्थर की गिट्टी और मिट्टी का ढेर लगा दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि ऐसा करने से पिलर का आधार मजबूत हो गया है। लीकेज के दौरान पानी का बहाव इतना तेज था कि मिट्टी भी बहने लगी। पिलर के हिस्से से कुछ दूरी पर नाली बनाकर पानी को गोमती में छोड़ा जा रहा है।

मुंबई से आई विशेषज्ञों की टीम

पानी के अंदर ही लीकेज दुरुस्त करने की संभावना की तलाश में सिंचाई विभाग ने मुंबई से विशेषज्ञों की टीम बुलाई है। विभाग के अधिशासी अभियंता अविनाश मिश्र ने बताया कि मुंबई से गुरमेल सिंह और परमजीत सिंह आए हैं। उन्होंने विभाग के अधीक्षण अभियंता संदीप कुमार के साथ डैम का निरीक्षण किया। अभी शीघ्र लीकेज को दुरुस्त करने को लेकर मंथन चल रहा है। स्थलीय निरीक्षण के बाद देर रात इसे लेकर बैठक होगी। उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा।


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